दिल्ली के केंद्रीय जेलों में बंद कैदियों को शीतलहर में कुछ राहत मिलने के आसार है. दिल्ली के केंद्रीय जेलों में बंद कैदियों को ठंड से राहत देने के लिए उन्हें दैनिक क्रिया यानी नहाने और साफ-सफाई के लिए गर्म पानी उपलब्ध कराने का फैसला लिया है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक तिहाड़, मंडोली और रोहिणी ऐसी तीन जेल हैं, जहां कैदियों को ये सुविधाएं दी जाएंगी. 


कैदियों की शिकायत पर एलजी ने लिया बड़ा फैसला
सूत्रों ने सोमवार को बताया कि  65 वर्ष से ज्यादा उम्र के सभी कैदियों को एक बिस्तर के साथ-साथ एक लकड़ी की खाट और एक चटाई भी दी जाएगी. सूत्रों के मुताबिक दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने जेलों के लिए समीक्षा बैठक के दौरान कैदियों की बुनियादी मानवीय आवश्यकताओं पर विचार करते हुए यह निर्णय लिया. बताया जाता है कि एलजी सक्सेना ने यह जानने के बाद यह फैसला लिया कि कुछ लोग, विशेष रूप से बुजुर्ग, भीषण ठंड में भी गद्दा नहीं होने की शिकायत कर रहे थे. ठंड की वजह से उनकी आर्थोपेडिक परेशानी बढ़ गई थी.


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पैसे लेकर गर्म पानी उपलब्ध कराने का चल रहा था खेल?


गौरतलब है कि इससे पहले उन्हें शिकायत मिली थी कि कई अंडर ट्रायल कैदी ऐसे हैं, जिन्हें इस कड़ाके की ठंड में भी गर्म पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलती हैं और प्रभावशाली कैदियों को जेल में 5,000 रुपए प्रति बाल्टी के हिसाब से गर्म पानी मिलता है. इसी के बाद सक्सेना ने ये निर्देश जारी किए है. एक आधिकारिक सूत्र के मुताबिक डीजी (जेल) और प्रधान सचिव (गृह) को उपराज्यपाल ने तुरंत सभी कैदियों को गर्म पानी उपलब्ध कराने के लिए कहा है.