Jamia Millia Islamia: जामिया के प्रोफेसरों को ठगने की साजिश, VC नजमा अख्तर के नाम का हो रहा इस्तेमाल
विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि कुछ धोखेबाज जामिया मिलिया इस्लामिया के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को मोबाइल फोन और ई-मेल पर फिशिंग संदेश भेजकर लगातार निशाना बना रहे हैं.
दिल्ली (Delhi) में जामिया मिलिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) के कई प्रोफेसर, शिक्षक और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के साथ भ्रामक और धोखाधड़ी वाले मोबाइल मैसेज साझा किए जा रहे हैं. खास बात है कि धोखेबाज इन संदेशों को भेजने के लिए विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर (Najma Akhtar) के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं. धोखेबाजों ने वाइस चांसलर (Vice-Chancellor) के नाम का इस्तेमाल करते हुए विश्वविद्यालय के कर्मचारियों से ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping) के वाउचर खरीदने को कहा.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के प्रोफेसरों को ठगने की साजिश
वाउचर खरीदने के बाद वीसी के नाम का इस्तेमाल करते हुए ही वाउचर्स को एक खास ईमेल आईडी पर भेजने को कहा गया. जामिया मिलिया इस्लामिया की वाइस चांसलर एवं विश्वविद्यालय प्रशासन के संज्ञान में मामला आने के बाद शिकायत पुलिस से की गई है. जामिया प्रशासन का कहना है कि विश्वविद्यालय ने सभी मामलों के लिए साइबर अपराध पोर्टल और स्थानीय पुलिस के साथ शिकायत दर्ज की है. विश्वविद्यालय ने उम्मीद जताई कि जल्द ही अपराधियों को एजेंसियां गिरफ्तार कर लेंगी.
वीसी प्रोफेसर नजमा अख्तर के नाम का इस्तेमाल कर रहे ठग
विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि कुछ धोखेबाज जामिया मिलिया इस्लामिया के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को मोबाइल फोन और ई-मेल पर फिशिंग संदेश भेजकर लगातार निशाना बना रहे हैं. धोखेबाज कुलपति प्रो नजमा अख्तर का प्रतिरूपण कर रहे हैं, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध शिक्षाविद हैं. गौरतलब है कि प्रोफेसर नजमा अख्तर को पद्मश्री सम्मान से भी सम्मानित किया गया है. 1 सितंबर, 2022 को मोबाइल फोन पर संदेश प्राप्त करने वाले प्रोफेसरों में से एक ने बताया कि फिशिंग संदेश के जवाब में उन्होंने 80,000 रुपये के अमेजन वाउचर खरीदे.
अलग-अलग नंबरों का जालसाजी में किया जा रहा है इस्तेमाल
हालांकि जानने के बाद कि यह एक फिशिंग संदेश था, प्रोफेसर ने अमेजॅन को उनकी राशि वापस करने की सूचना दी और राशि अभी तक वापस नहीं की गई है. जालसाज ने प्रोफेसर से यह भी कहा कि वह इस रसीद को विकलांगता चिल्ड्रेन डोनेशन 4 नाम से बनाई गई एक जीमेल आईडी पर भेज दें. यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों को मैसेज भेजने के लिए जालसाज अलग-अलग नंबर का इस्तेमाल कर रहे हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि जालसाजी में इस्तेमाल किए गए नवीनतम नंबर 9127210618 और 8486634967 हैं.
पिछले एक महीने में इस तरह के चार प्रयास किए गए हैं. इससे पहले जालसाज शिकार को निशाना बनाने के लिए 9860173993 और 7000464368 मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल करते थे. विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक 30 अगस्त, 2022 को भी एक फिशिंग ईमेल प्राप्त हुआ जिसमें उन्होंने फिर से कुलपति, जामिया की पहचान का प्रतिरूपण किया. फिलहाल विश्वविद्यालय प्रशासन ने पूरे प्रकरण की शिकायत दिल्ली पुलिस से की है.