Delhi Chhawla Fire: 'सभी का शरीर गीला था, मतलब मदद मिली होती तो...', फायर अफसर बोले
Delhi Chhawla Fire Case: मृतक हीरा के भाई गुरमीत उनके साथ वाले मकान में ही रहते हैं, लेकिन उन्हें आग की भनक नहीं लगी. उनका बेटा जब रात को दो बजे कुत्ते को घुमाने बाहर निकला, तो घर के अंदर आग दिखी.
Delhi Chhawla Fire News: बीते मंगलवार को तड़के सुबह छावला थाना इलाके स्थित एक मकान की पहली मंजिल पर बने फ्लैट में लगी आग में एक ही परिवार के चार लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. अगर उन्हें समय पर थोड़ी भी मदद मिल जाती तो वे सभी आज जिंदा होते. हालांकि, मृतकों ने खुद को बचाने की काफी कोशिश की लेकिन वे जिंदगी की जंग हार गए. मृतकों में हीरा सिंह कक्कड़ (50), नीतू हीरा सिंह कक्कड़ (40) और उनके दो बेटे चिराग उर्फ रॉबिन और लक्ष्य कक्कड़ शामिल हैं.
सोमवार की देर रात तकरीबन एक बजे वे सभी अपने घर पहुंचे थे. उन्होने सोचा भी नहीं होगा कि ये रात उनकी जिंदगी की आखिरी रात होगी. वे इस तरह तड़प-तड़पकर मौत को गले लगाने को मजबूर हो जाएंगे. मृतक हीरा सिंह के बेटे चिराग के हाथ मे चोट लगी थी और वे देर रात डॉक्टर से दिखा कर घर लौटे थे. जिसकी जानकारी तकरीबन एक बजे उन्होंने कॉल करके अपने पड़ोसी को दी थी.
उनका दूसरा बेटा लक्ष्य मोती नगर में अपने मामा के घर से जिद करके घर को लौटा था. शायद उसकी मौत ही उसे वहां खींच लाई थी. उसके मामा ने उसे बहुत रोकने की कोशिश की थी, लेकिन वह नहीं रुका. अगर वह रुक जाता तो कम से कम परिवार का एक चिराग आज जिंदा होता.
फायर अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक, "नीतू कक्कड़ और दोनों बेटों का शव बाथरूम, जबकि हीरा कक्कड़ रूम में अचेत पड़े मिले. सभी का शरीर गीला था. कमरे में आग इन्वर्टर में शॉर्ट-सर्किट की वजह से लगी थी. उससे सोफे में आग लग गई थी. आग बहुत ज्यादा नहीं थी, लेकिन घर के बंद होने की वजह से पूरे घर मे धुआं भर गया था. उन्होंने खुद को बाथरूम में बंद कर खुद को गीला कर, गीले कपड़े को मुंह पर रख कर बचाने की काफी कोशिश की, लेकिन खुद को बचा नहीं पाए और दम घुटने से उनकी मौत हो गई."
भाई को नहीं लगी आग की भनक
मृतक हीरा के भाई गुरमीत उनके साथ वाले मकान में ही रहते हैं, लेकिन उन्हें भी आग की भनक नहीं लगी. उनका बेटा जब रात को दो बजे कुत्ते को घुमाने बाहर निकला, तो उसे घर के अंदर आग दिखी, जिस पर उसने हीरा को कॉल कर बताने की कोशिश की, क्योंकि उसे पता था कि वे सब बाहर गए हुए हैं. जब वह हीरा से संपर्क नहीं कर पाए तो उसने इसकी जानकारी अपने पिता गुरमीत को दी. जिसके बाद वे बाहर निकले और मृतक हीरा को आवाज लगाने लगे. मेन गेट अंदर से लॉक होने के कारण वो अंदर दाखिल नहीं हो पाए, जिसके बाद उन्होंने इसकी जानकारी फायर और पुलिस को दी.
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