Delhi Dengue Case: दिल्ली नगर निगम डेंगू की बीमारी के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए डेंगू रोगियों का पता लगा रही है. दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अब तक दर्ज किए गए 55 डेंगू मामलों में से 35 जांच के बाद भी गायब हैं. इसके पीछे की वजह अस्पताल और नगरपालिका एजेंसियों के साथ मरीजों का अपनी जानकारी न शेयर करना है. इस बात को लेकर नगर निगम ने अस्पतालों को इस डेटा को सही करने का निर्देश दिया है.


दक्षिणी नगर निगम के एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि मरीजों के गलत पते की वजह से हमारे फील्ड वर्कर और जोनल स्टाफ उन घरों को नहीं ढूंढ पा रहे हैं. क्योंकि हमें इन घरों पर जांच के बाद फॉगिंग करनी होती है लेकिन अगर जांच में नाम सही नहीं है तो हम फॉगिंग भी नहीं कर सकते हैं. हाल ही में निगम के पास एक ऐसे मरीज की जानकारी आई जिसमें सिर्फ पते के नाम पर रोहणी लिखा था, ऐसे में हम कैसे रोहिणी में उसका पता लगा सकते हैं.


दिल्ली सरकार द्वारा डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया को महामारी रोग अधिनियम के तहत 14 अक्टूबर, 2021 को ध्यान देने योग्य रोग घोषित किया गया था. हालांकि इसके बाद भी इन मामलों का गलत डेटा आ रहा है जिससे मरीजों का पता नहीं लगाया जा सकता है.


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ऐसा पहली बार नहीं हुआ है क्योंकि इससे पहले साल 2021 में डेंगू के 9,613 मरीज सामने आए, जिनमें से 2,971 मामलों में पते उपलब्ध नहीं थे. साल 2020 में इन मरीजों की कुल गिनती 1,071 थी और 167 मरीज का पता सही नहीं था. वहीं साल 2019 में 2,036 मामलों सामने आए जिसमें से 964 मरीजों का पता नहीं लगाया जा सका और साल 2018 में कुल 2,798 में से 1,962 मरीज का पता गलत था.