Delhi Latest News: दिल्ली के वसंत विहार के चिन्मय स्कूल में मंगलवार (3 दिसंबर) को छठी क्लास के 12 वर्षीय एक छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. स्कूल की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बच्चे का किसी छात्र से झगड़ा हुआ था, जिसके बाद वह अचानक बेहोश हो गया और उसके मुंह से झाग निकलने लगा. वहीं दिल्ली पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है.
पुलिस ने बताया कि छात्र को हादसे के बाद फोर्टिस अस्पताल ले जाया गया, जहां सुबह करीब 10.15 बजे उसे मृत घोषित कर दिया गया. वहीं डॉक्टरों का मानना है कि बच्चे को दौरा पड़ा होगा. पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पश्चिम) सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि बच्चे के शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं थे. उन्होंने कहा, "उसके मुंह से झाग जैसा कुछ निकल रहा था. जांच शुरू कर दी गई है. स्कूल के बच्चों और शिक्षकों की जांच की जा रही है. इस मामले में जो भी जरूरी कानूनी कार्रवाई होगी वो की जाएगी."
स्कूल प्रिंसिपल ने क्या कहा?
स्कूल प्रिंसिपल की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि वे स्कूल परिसर में घटित इस दुखद घटना से बहुत दुखी हैं. साथ ही उन्होंने शोक संतप्त परिवार के प्रति शोक जताया. बयान में कहा गया कि "कक्षा 6 के दो छात्रों के बीच हाथापाई के कारण एक छात्र की दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से मौत हो गई. स्कूल प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की और अधिकारियों को इसकी सूचना दी. स्कूल प्रशासन पूरी तरह से इस मामले में सहयोग करेगा."
पुलिस ने कहा कि बच्चे का पोस्टमार्टम सफदरजंग अस्पताल में किया गया, लेकिन रिपोर्ट अभी आनी बाकी है. रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा कि बच्चे को कोई अंदरूनी चोट तो नहीं लगी थी. अधिकारी स्कूल के सीसीटीवी फुटेज की भी जांच कर रहे हैं, ताकि हर पहलू पर जांच हो सके.
परिजनों ने लगाए ये आरोप
इस घटना के बाद छात्र के परिजनों ने स्कूल गेट के सामने जमकर हंगामा किया. मृतक के परिजनों का आरोप है कि स्कूल में दो बच्चों के बीच झगड़ा हुआ था, जिसके कारण उनके बेटे की मौत हुई है. परिवार वालों का कहना है कि जब स्कूल में दो बच्चों का झगड़ा हुआ तो उस समय बच्चों के शिक्षक कहां थे. जब घटना हुई तब उन्हें सूचित क्यों नहीं किया गया?
उन्होंने कहा, बिना परिजनों को बताए छात्र को अस्पताल ले जाया गया और जब अस्पताल ने छात्र को मृत घोषित कर दिया तब उन्हें स्कूल ने सूचना दी. वसंत विहार सोसाइटी में सीवर लाइन वर्कर के रूप में काम करने वाले प्रिंस के पिता सागर का कहना है कि उनके बेटे का कोई मेडिकल इतिहास नहीं था और जब उन्होंने उसे स्कूल में छोड़ा था, तब वह पूरी तरह से स्वस्थ था। वह फुटबॉल भी खेलता था और एक अच्छा खिलाड़ी था.