Delhi News: दिल्ली सरकार ने दिल्ली में हर घर नल में 24 घंटे साफ पानी पहुंचाने के लिए एक योजना बनाई है जिसको लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal)ने एक बैठक की. इस बैठक में जानकारी दी गई कि मॉनसून के दौरान यमुना (Yamuna river) में आने वाले अतिरिक्त जल को स्टोर कर उसे शुद्ध करके लोगों के घरों तक पहुंचाया जाएगा. इस प्रोजेक्ट को पहले दिल्ली सरकार पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू करेगी. इसे लेकर मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वजीराबाद जलाशय के ऊपरी छोर पर 459 एकड़ का कैचमेंट वेटलैंड जलाशय बनाया जाए. सीएम ने 20 एकड़ का ऑफ रिवर मिनी जलाशय बनाने को लेकर भी निर्देश दिए.
सीएम ने और क्या कहा
बारिश के पानी को शुद्ध करने की योजना को लेकर हुई उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार की योजना है, कि मानसून के दौरान यमुना में आने वाले अतिरिक्त पानी को जलाशयों में स्टोर किया जाए और उसे शुद्ध करके लोगों के घर तक पहुंचाया जाए. हमारी यह रणनीति सफल होती है, तो ऐसे और जलाशय बनाए जाएंगे, ताकि मानूसन के दौरान यमुना में आने वाले अतिरिक्त पानी को स्टोर कर उसका इस्तेमाल पीने के लिए किया जा सके.
किन बातों पर सहमति बनी
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में संबंधित अधिकारियों द्वारा सुझाए गए उपायों में से दो प्रस्तावों पर सहमति बनी, जिसमें पहला, यमुना नदी के पश्चिमी तट पर स्थित वजीराबाद जलाशय के ऊपरी छोर पर पायलट आधार पर 459 एकड़ का कैचमेंट वेटलैंड जलाशय बनाया जाए. इस जलाशय में मानसून के करीब 1735 एमजी पानी को स्टोर किया जा सकेगा, और दूसरा, 20 एकड़ का ऑफ रिवर मिनी जलाशय बनाने पर विचार किया गया, जिसकी गहराई 10 मीटर तक होगी और यहां करीब 223 एमजी मानसून का पानी स्टोर हो सकेगा.
तेजी से चल रहा काम
इसको लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार, दिल्ली में पेयजल की कमी को पूरा करने के लिए कई तरह के कदम उठा रही है. इसी के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने यमुना नदी के मानसून और बाढ़ के पानी को स्टोर करने की रणनीति बनाई है. इसपर तेजी से काम चल रहा है. इस बैठक में दो प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया गया है. इन दोनों प्रस्तावों पर आगे बढ़ने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है, जिससे कि पायलट प्रोजेक्ट पर काम जल्द शुरू किया जा सकेगा. अगर यह पायलट प्रोजेक्ट सफल होता है, तो दिल्ली सरकार ऐसे ही और कई जलाशय बनाएगी, ताकि यमुना में आए मानूसन के अतिरिक्त पानी का इस्तेमाल पीने के लिए किया जा सके.
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