Bypolls Result 2023: 'इंडिया ने पास की पहली अग्निपरीक्षा' अरविंद केजरीवाल बोले- बौखालई BJP, गठबंधन हुआ मजबूत
Arvind Kejriwal Reaction on Bypolls Result: सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को I.N.D.I.A की पहली अग्नि परीक्षा माना जा रहा था, जिसे उसने देश की जनता के सहयोग से 4-3 के अंतर से जीत लिया.
Delhi News: विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के विधानसभा उपचुनावों में सात में से चार सीट पर जीत हासिल करने के एक दिन बाद आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को बीजेपी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘‘बहुत शक्तिशाली है’’ है. भारतीय जनता पार्टी इसलिए ‘‘बौखलाई हुई’’ है. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर उपचुनाव 2023 का परिणाम भी सभी से साझा की.
दिल्ली के सीएम ने लिखा है कि ‘‘विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ बहुत शक्तिशाली है. बीजेपी की बौखलाहट का यही कारण है. यही कारण है कि बीजेपी देश का नाम ही बदल देना चाहती है.’’ उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल सहित कुल छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणामों की शुक्रवार को हुई घोषणा के बाद बीजेपी के हिस्से में तीन सीट, जबकि विपक्षी दलों के खाते में चार सीटें आई हैं. विपक्षी गठबंधन यानी इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस में शामिल कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के हिस्से में एक-एक सीट आई हैं.
I.N.D.I.A ने पास की पहली अग्नि परीक्षा
बता दें कि पश्चिम बंगाल और कर्नाटक के बाद झारखंड के डुमरी और यूपी के घोसी विधानसभा उपचुनाव को I.N.D.I.A गठबंधन की पहली अग्नि परीक्षा माना जा रहा था, जिसे उसने देश की जनता के सहयोग से 4-3 के अंतर से NDA के खिलाफ लड़ते हुए जीत लिया है. खासकर डुमरी विधानसभा उपचुनाव में सभी समुदाय के लोगों ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) पर भरोसा जताया और एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी फैक्टर को फेल कर दिया. डुमरी में मुस्लिम बहुल आबादी वाला सीट है. इसके बावजूद AIMIM प्रत्याशी को सिर्फ 3471 वोट मिले, जो नोटा से भी कम हैं. साल 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के आंकड़ों पर गौर करें तो एआईएमआईएम उम्मीदवार अब्दुल मोबिन रिजवी को 24,132 मत मिले थे. इस बार मुस्लिम मतदाताओं ने एकपक्षीय मतदान कर जेएमएम प्रत्याशी बेबी देवी को दिया. बेबी देवी को जगरनाथ के निधन की वजह से जनता की सहानुभूति का लाभ मिला. यही कारण है कि बीजेपी का साथ मिलने के बावजूद आजसू की यशोदा देवी चुनाव हार गईं.