Delhi News: महाराष्ट्र के मुंबई में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) बुधवार को मातोश्री पहुंचकर पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे (Udhav Thackeray) और शिवसेना के नेताओं से मिले. मुलाकात के बाद एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा​ कि शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुझसे वादा किया है कि वो अध्यादेश के खिलाफ लड़ाई में साथ देंगे. इसके अलावा उन्होंने कहा कि हम रिश्ते कमाने वाले लोग हैं. राजनीति अपनी जगह है. प्रजातंत्र को बचाने के लिए हम एक साथ आए हैं.


सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 8 साल लंबी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट से हमे दिल्ली को चलाने का अधिकार मिला था. आठ दिनों के अंदर केंद्र सरकार ने अध्यादेश जारी कर वो अधिकार वापस ले लिए. जनतंत्र में चुनी हुई सरकार का पास पावर होनी चाहिए। लोकतंत्र में जनता की चलनी चाहिए. बीजेपी के लोग जज के खिलाफ मुहिम चलाते हैं। शिवसेना की सरकार को ईडी और सीबिआई के जरिए गिराया गया. दिल्ली में भी हमारे विधायकों को खरीदने के लिए आपरेशन लोटस चला. पीएम का नाम लिए बगैर कहा कि ऐसा आदमी देश नहीं चल सकता. वो तो अहंकार में जी रहा है। इतना ही नहीं, पंजाब के राज्यपाल ने इस बार बजट सेशन नहीं होने दिया. इसलिए जरूरी है कि राज्यसभा में सभी विपक्षी दल मिलकर राज्यसभा में केंद्र के बिल गिरा दें. ऐसा हो जाता है तो 2024 के बाद यह सरकार दोबारा नहीं आएगी. 



देश की किसी की जागीर नहीं


पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि देश किसी के बाप की जागीर नहीं है। अगले 35 साल तक खुद को प्रधानमंत्री मान लिए हैं। लोकतंत्र खतरे में है। चुनी हुई सरकार को परेशान किया जा रहा है। राज्यपाल बीजेपी के Star Campaigner बन गए हैं।


चुने हुए प्रतिनिधियों के पास हो अधिकार


वहीं, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि नौकरशाही पर अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य था. लोकतंत्र के लिए यह जरूरी भी है, लेकिन केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर गलत किया है. दिल्ली में चुने हुए प्रतिनिधियों के पास अधिकार होने चाहिए. अगर यही हाल रहा तो आने वाले समय में केंद्र और राज्यों में एक ही चुना होगा. 


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