Delhi: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की 4 बजे होने वाली साप्ताहिक बैठक आज नहीं हो पायी. उपराज्यपाल के दफ़्तर से मिली जानकरी के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल मीटिंग के लिए नहीं पंहुचे. इससे पहले 8 जुलाई को होने वाली मीटिंग के लिए उपराज्यपाल उपलब्ध नहीं थे. सूत्रों के मुताबिक, वे उस दिन जयपुर में ते और नॉर्दन जोनल काउंसिल की मीटिंग में शरीक हुए थे. दरअसल, ये फैसला हुआ था कि दिल्ली से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री हर शुक्रवार को 4-4:30 बजे मुलाकात करेंगे. 


फिर आमने-सामने एलजी-सीएम


दिल्ली में एक बार फिर उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच आमने सामने वाली स्थिति हो गई है. उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 में नियमों के कथित उल्लंघन और खामियों को लेकर इसकी सीबीआई से जांच कराए जाने की सिफारिश की है. 


आप की प्रतिक्रिया


इस बीच, आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी केंद्रीय एजेंसियां दिल्ली सरकार को आगे बढ़ने से रोकने के लिए उसके हर मंत्री के खिलाफ जांच कराएंगी क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब में आप की शानदार जीत के बाद से ही पार्टी के संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से ‘डरे’ हुए हैं. दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग का नेतृत्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया करते हैं.


सीएम केजरीवाल क्या बोले?


वहीं पूरे मामले पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, "कुछ दिनों में CBI मनीष सिसोदिया को गिरफ़्तार करने वाली है. 3-4 महीनें पहले मुझे इनके लोगों ने बताया था कि मनीष जी गिरफ़्तार होने वाले हैं. मैनें पूछा कि क्या केस है, मुझे कहा कि कोई केस नहीं है, केस ढूंढ रहे हैं, कुछ बना रहे हैं. अब देश के अंदर एक नया सिस्टम लागू किया गया है. पहले ये तय किया जाता है कि किसको जेल भेजना है. फिर उसके खिलाफ एक झूठा केस बनाया जाता है, और उसे जबरदस्ती जेल भेजा जाता है."


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