Delhi News: दिल्ली सरकार ड्रेन रिडिजाइनिंग के जरिए न्यू रोहतक रोड पर जलजमाव की समस्या दूर करेगी. मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार को आप संयोजक अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में ऐलान किया. एक्सपेंडिचर फाइनेंस कमिटी की बैठक में मुख्यमंत्री आतिशी ने 183 करोड़ रुपये की लागत के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी. उन्होंने कहा कि नांगलोई मेट्रो स्टेशन से टिकरी बॉर्डर के बीच दोनों तरफ 9 किमी ड्रेन को नए सिरे से बनाया जाएगा.


सीएम आतिशी ने कहा कि नांगलोई मेट्रो स्टेशन से मुंडका होते हुए टीकरी बॉर्डर तक जाने वाली नई रोहतक रोड दिल्ली की सबसे जर्जर सड़कों में से एक है. सड़क के जर्जर होने का मुख्य कारण तेजी से बढ़ती जनसंख्या है. सड़क के दोनों तरफ बनी ड्रेन की क्षमता कम हो गई है. उन्होंने कहा कि इस बार मानसून में सामान्य से लगभग दोगुनी बारिश हुई है. बारिश की वजह से बुनियादी ढांचे पर और अधिक दबाव पड़ा. उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी न्यू रोहतक रोड के साथ एक नई ड्रेन का निर्माण कर रहा है, जो नांगलोई मेट्रो स्टेशन से टीकरी बॉर्डर तक फैली होगी.


 183 करोड़ के प्रोजेक्ट को मंजूरी


ड्रेन नांगलोई मेट्रो स्टेशन से टिकरी बॉर्डर तक 2 हिस्से में होगी. एक हिस्सा नांगलोई मेट्रो से हिरणकूदना ड्रेन में जाएगा और दूसरा हिस्सा टिकरी बॉर्डर की ओर से हिरणकूदना ड्रेन में आएगा. सीएम आतिशी ने कहा कि आने वाले समय में न्यू रोहतक रोड पर जलजमाव और खराब सड़क की समस्या दूर करने का लॉन्ग टर्म प्लान है. उन्होंने बताया कि चार हफ्ते में ड्रेन प्रोजेक्ट और न्यू रोहतक रोड की रिपेयरिंग का काम भी शुरू हो जायेगा.


आप सरकार जेल से बाहर आए अरविंद केजरीवाल के मार्गदर्शन में युद्ध स्तर पर रुके काम पूरे कर रही है. उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट के तहत ड्रेन की चौड़ाई और गहराई को वर्तमान आबादी की जरूरतों के अनुसार बढ़ाया जा रहा है.


इन इलाकों को ऐसे होगा फायद


प्रोजेक्ट को इस तरह डिजाइन किया गया है कि बारिश के पानी का ओवरफ्लो नहीं होगा. प्रोजेक्ट जलभराव के कारण सड़कों को होने वाले नुकसान की भी रोकथाम करेगा. ड्रेनेज सिस्टम में सुधार के बाद नांगलोई, मुंडका, घेवरा और टीकरी क्षेत्र की दर्जनों कॉलोनियों को सीधा लाभ मिलेगा. साथ ही, दिल्ली-हरियाणा को जोड़ने वाली न्यू रोहतक रोड पर यात्रियों को भी ट्रैफिक की समस्या से राहत मिलेगी. सीएम आतिशी ने अधिकारियों को ‘प्रोजेक्ट सुपरविजन कमिटी’ बनाने का भी निर्देश दिया. कमिटी प्रोजेक्ट की प्रगति पर नजर रखेगी और सुनिश्चित करेगी कि काम समय पर पूरा हो.


बता दें कि पीडब्ल्यूडी ने नांगलोई मेट्रो स्टेशन के निकट किरी सुलेमान ड्रेन से लेकर हिरन कूदना ड्रेन तक और टिकरी बॉर्डर से हिरन कूदना ड्रेन तक के स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज सिस्टम में सुधार का प्रस्ताव रखा है, जिसकी अनुमानित लागत 183.81 करोड़ रुपये है. रोहतक रोड (एनएच-10) पर मौजूदा स्टॉर्म वॉटर ड्रेन का रखरखाव पीडब्ल्यूडी करता है. लेकिन, जल निकासी की प्रणाली अब बहुत पुरानी और बेकार हो चुकी है.


रिहायशी कॉलोनियों, छोटे व्यवसायों और औद्योगिक क्षेत्रों के तेजी से विकास के कारण पानी का उचित बहाव रुक गया है. पुरानी प्रणाली में बार-बार रुकावटें आने से सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं और लोगों को ट्रैफिक जाम और धूल-मिट्टी के कारण प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है. सर्विस रोड और मेन रोड भी प्रभावित हुई हैं, जिससे ट्रैफिक जाम और यात्रियों को परेशानी होती है.


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