'एक हफ्ते में सरकार का...', बस मार्शल्स की बहाली पर CM आतिशी ने BJP को दी चुनौती
Delhi News: दिल्ली में बस मार्शल्स की बहाली के मुद्दे पर वार पलटवार का सिलसिला जारी है. अब मुख्यमंत्री आतिशी ने प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा को प्रस्ताव मंजूर करवाने की चुनौती दी है.
Delhi Politics: दिल्ली में बस मार्शल के मुद्दे पर राजनीति गर्म है. मुख्यमंत्री आतिशी ने बीजेपी पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि अप्रैल 2023 से बीजेपी राजनीति कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि बस मार्शलों की सैलरी रोकने का प्रयास हुआ. आम आदमी पार्टी ने बस मार्शलों के लिए संघर्ष किया. बस मार्शलों को अक्टूबर 2023 में नौकरी से निकाल दिया गया. अरविंद केजरीवाल ने भी बस मार्शलों की लड़ाई लड़ी.
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि देश भर में जहां भी बीजेपी की सरकारें हैं, वहां ठेका कर्मचारियों की हालत देख लीजिये. राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में संविदा कर्मचारियों को चुनाव जीतने के बाद पक्का नहीं किया. आम आदमी पार्टी की सरकार ने पंजाब और दिल्ली में संविदा कर्मचारियों की नौकरी को स्थायी करने का काम किया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार बस मार्शलों को बहाल करने का प्रस्ताव एक सप्ताह में भेजती है.
बस मार्शलों के मुद्दे पर दिल्ली की सियासत में उबाल
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा को चुनौती देती हूं कि बस मार्शलों की बहाली का प्रस्ताव मंजूर कराकर वापस भेजें. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि बीजेपी वाले बस मार्शलों को बहाल करने से रोकेंगे. उन्होंने बीजेपी को बस मार्शलों के साथ गंदी राजनीति बंद करने की नसीहत दी. मुख्यमंत्री ने कहा कि बस मार्शल और सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स बीजेपी की गंदी राजनीति को पहचानते हैं. आम आदमी पार्टी की सरकार ने 2018 में महिलाओं को सुरक्षा देने के लिए 10 हजार बस मार्शलों को लगाया था.
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल की सरकार में गरीब युवाओं को नौकरी मिली. उन्होंने कहा कि बस मार्शलों को वेतन मिलने के बाद बीजेपी ने नया षड़यंत्र रचा. बीजेपी ने अक्टूबर 2023 में 10 हजार बस मार्शलों को नौकरी से निकालने का काम किया. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने बस मार्शलों के मुद्दे पर उपराज्यपाल को चिट्ठी लिखकर चिंता भी जताई.
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