Delhi News: दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या पर सरकार सख्त हो गई है. सरकार ने जीआरएपी के पहले चरण को लागू करने का निर्देश दिया है. मंगलवार को सीएम आतिशी ने अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की. उन्होंने कहा कि जनवरी से 12 अक्टूबर यानी 200 दिनों तक दिल्ली की हवा गुड कटेगरी में रही है, लेकिन पिछले दो दिनों से खराब श्रेणी में है. लिहाजा, सोमवार की शाम से जीआरएपी का पहला चरण लागू कर दिया गया है.
धूल प्रदूषण रोकने के लिए 99 टीमें निर्माण स्थलों का निरीक्षण करेंगी. पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, एनसीआरटीसी और डीएमआरसी निर्माण स्थलों पर एंटी स्मॉग गन लगाएंगी. पीडब्ल्यूडी, एमसीडी समेत सभी विभाग सड़कों की मरम्मत का काम युद्धस्तर पर पूरा करेंगे. सीएम ने दिल्ली की जनता से कार पूलिंग, पटाखे, कूड़ा न जलाने और प्रदूषण की सूचना ग्रीन दिल्ली ऐप पर देने की अपील की है. उन्होंने दावा किया कि दिल्ली सरकार के प्रयासों की बदौलत 200 दिन बेहतर एयर क्वालिटी मिली है.
दिल्ली की दो दिनों में खराब हुई हवा
बता दें कि 13 अक्टूबर को एयर क्वालिटी इंडेक्स 224 के स्तर पर पहुंच गया और 14 अक्टूबर को 234 पर था. पिछले 2 दिन से हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच गई है. सीएम आतिशी ने कहा कि जीआरएपी-1 के कार्यान्वयन में एक महत्वपूर्ण हिस्सा निर्माण साइटों पर धूल की रोकथाम है. इस बाबत डीपीसीसी की 33 टीमें, राजस्व विभाग की 33 टीमें और उद्योग विभाग की भी 33 टीमें बनाई गई हैं. सभी 99 टीमें रोजाना प्राइवेट और सरकारी निर्माण साइटों का स्थलीय निरीक्षण कर धूल प्रदूषण की रोकथाम के लिए जारी नियमों के पालन का जायजा लेंगी.
रोकथाम के लिए सरकार की पहल
इसके अलावा रोजाना निरीक्षणों की रिपोर्ट ग्रीन वॉर रूम, पर्यावरण मंत्री और मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जायेगी. सीएम ने कहा कि एमसीडी को कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन वेस्ट (सीएनडी वेस्ट) के निपटान को लेकर खास निर्देश दिए गए हैं. सीएनडी वेस्ट भी हवा की गुणवत्ता को ख़राब करता है. सीएनडी वेस्ट को हटाने के लिए दिन में 79 टीमें और रात में 75 टीमें काम करेंगी. साथ ही ओपन बायोमास वेस्ट बर्निंग रोकने के लिए एमसीडी द्वारा दिन में 116 टीमें और रात में भी 116 टीमें तैनात की जाएंगी.
उन्होंने कहा कि धूल का महत्वपूर्ण कारण सड़कों का टूटा होना है. इसके लिए युद्ध स्तर पर 1400 किमी सड़कों के रिपेयर का काम चल रहा है. साथ ही डीएमआरसी और एनसीआरटीसी की सड़कों की रिपेयरिंग के लिए 30 अक्टूबर तक का समय निर्धारित किया गया है. एमसीडी भी अपनी सड़कों का मरम्मत करवा रही है. सड़कों पर मौजूद धूल को उड़ने से रोकने के लिए इस सीजन में एंटी स्मॉग गन तैनात किए जाते हैं. सीएम आतिशी ने बैठक में निर्देश दिया कि पीडब्ल्यूडी अपनी सड़कों और प्रदूषण के बड़े हॉटस्पॉट्स पर 200 एंटी स्मॉग गन तैनात करे.
जबकि डीएमआरसी अपने निर्माण साइटों पर 80, एमसीडी 30 और आरआरटीएस 14 एंटी स्मॉग तैनात करेगा. सीएम आतिशी ने कहा कि ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि जाम लगने वाले स्थानों को चिन्हित कर मौके पर अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात किए जाएं. त्योहारी सीजन में आवाजाही बढ़ने के कारण ट्रैफिक देखने को मिलता है. होम गार्ड की जरूरत होने पर ट्रैफिक पुलिस दिल्ली के गृह विभाग की सूचित कर सकती है. सीएम ने कहा कि दिल्ली में जनरेटर के इस्तेमाल पर रोकथाम लगाई जाएगी.
खासतौर पर बैंक्वेट हॉल में देखा जाता है कि बिजली के अस्थाई कनेक्शन की जगह डीजल जनरेटर का इस्तेमाल किया जाता है. इसलिए बिजली विभाग अपनी टीमें तैनात करेगी. साथ ही बिजली विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि अगले तीन महीने तक, जब तक प्रदूषण ज्यादा होता है, बिजली कंपनियों से बात कर बिजली के अस्थाई कनेक्शन के चार्ज भी कम किया जाए. सीएम आतिशी ने कहा कि सरकार जागरूकता कार्यक्रम चलायेगी. दिल्ली के लोगों को कार पूलिंग करने, दीपावली पर पटाखों का इस्तेमाल न करने की अपील की जाएगी.
साथ ही सभी आरडब्ल्यूए से अपील की जाएगी कि सिक्योरिटी गार्ड्स को इलेक्ट्रिक हीटर दे, ताकि लकड़ियां न जलाई जाए. दिल्ली सरकार प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए प्रतिबद्ध है. मेरी दिल्ली के लोगों से अपील है कि सिर्फ सरकार प्रदूषण नहीं रोक सकती है. जबतक दिल्ली के लोग साथ मिलकर आगे नहीं आएंगे, तबतक प्रदूषण को कम नहीं किया जा सकेगा. इस दौरान पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि प्रदूषण की समस्या केवल दिल्ली की नहीं है. दिल्ली के चारों ओर से आने वाला प्रदूषण भी समस्या में बढ़ोतरी करता है.
दिल्ली के लोगों को बाहरी प्रदूषण का अधिक सामना करना पड़ता है. इसलिए जब समस्या सामूहिक है, तो समाधान भी सामूहिक होना चाहिए. इसी कारण केंद्रीय एजेंसी सीएक्यूएम की तरफ से जारी ग्रैप के नियम दिल्ली के साथ- साथ उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान समेत पूरे एनसीआर में भी लागू होना चाहिए. गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार हर बार आगे ग्रैप नियम लागू करने के लिए आगे बढ़ती है, जबकि पड़ोसी राज्यों में सख्ती से लागू नहीं किया जाता है.
मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के चारों तरफ उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान समेत केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है. दिल्ली चारों तरफ से बीजेपी की सरकारों पर निर्भर है. अब लगातार एक्यूआई का स्तर बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, "मैं बीजेपी की सभी सरकारों से निवेदन करता हूं कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में ग्रैप को लागू करने की रणनीति बनाई गई है, उसी तरह केंद्र सरकार दिल्ली एनसीआर के तहत आने वाले हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी ग्रैप लागू करने पर फोकस किया जाए."
गोपाल राय ने आगे कहा कि बीजेपी के कई नेता बार-बार कह रहे हैं कि पंजाब में पराली जल रही है. उन्होंने ने कहा कि एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट का 1 से 14 अक्टूबर का डेटा बताता है कि 2023 में पंजाब में 1105 पराली जलने की घटनाएं हुई थीं, इस साल घटकर 811 हो गई हैं. हरियाणा में पिछले साल पराली की 341 घटनाएं हुई थीं, जो इस साल बढ़कर 417 हो गई हैं. दूसरी तरफ, पिछले साल उत्तर प्रदेश में इन 15 दिनों के अंदर पराली जलाने की कुल 244 घटनाएं थीं, जो इस बार बढ़कर 417 हो गई हैं.
इन आंकड़ों से साफ है कि जहां एक तरफ पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं कम हुई हैं, वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश और हरियाणा में घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा कि डेटा केंद्र सरकार का है. गोपाल राय ने कहा कि बीजेपी नेता पंजाब का नाम लेकर, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में पराली की घटनाओं को नजरअंदाज कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली की सरकार सक्रियता से मिलकर काम करेगी. इसी तरह बीजेपी की सभी सरकारों को साथ आना चाहिए. तभी प्रदूषण की रोकथाम के प्रयासों का सकारात्मक प्रभाव दिखेगा.
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