Delhi CM Atishi: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली की सरकार एक्शन मोड में दिख रही है. आज सुबह दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी बड़े अधिकारियों के साथ आनंद विहार पहुंचीं और प्रदूषण की स्थिति का जायजा लिया.


उनके साथ पर्यावरण मंत्री गोपाल राय भी मौजूद रहे. प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार का प्लान भी बताया. आपको बता दें आनंद विहार में इस वक्त 400 के पार AQI है, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है.


इसी दौरान सीएम आतिशी ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण को खत्म करने के उपायों को सख्ती से लागू किया जा रहा है. हमने 99 टीमें बनाई हैं जो पूरी दिल्ली में डस्ट कंट्रोल को देख कर रही हैं. वह दिल्ली की अलग-अलग कंस्ट्रक्शन साइट पर जाकर सभी डस्ट कंट्रोल मेजर्स को चेक कर रही हैं. दिल्ली में हमने 325 से ज्यादा एंटी स्मॉग गन तैनात करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है.






'प्रदूषण को रोकने का काम चल रहा है'
सीएम आतिशी ने ये भी कहा कि दिल्ली में PWD हो या MCD हो. सभी विभाग अपनी सोर्स को लगाकर यहां पर प्रदूषण को रोकने का काम चल रहा है लेकिन आनंद विहार एक ऐसा इलाका है, जो दिल्ली और यूपी के बॉर्डर पर है. यहां पर दिल्ली के बाहर से भी बहुत सारी बसें आती हैं. आनंद विहार एक ऐसा हॉट्सपॉट है, जहां सबसे ज्यादा AQI रहता है. इसलिए मैं और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय खुद आनंद विहार के डस्ट कंट्रोल मेजर्स का जायजा लेने के लिए आए हैं. 


उन्होंने कहा कि इसके लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, जैसे कि स्मॉग गन चलाई जा रही है और सड़कें गीली रखी जा रही हैं, जिससे की धूल से बचा जा सके.


'सड़कों की मरम्मत की गई है'
सीएम आतिशी ने आगे कहा कि आनंद विहार में किसी भी प्रकार की धूल से बचने के लिए क्षेत्र की सभी सड़कों की मरम्मत की गई है. भीड़भाड़ वाले स्थानों पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया है. हम यूपी सरकार से भी बात करेंगे. आनंद विहार में प्रदूषण की मुख्य वजह यूपी से आने वाली बसें हैं.


इसके साथ ही जब उनसे छठ सीजन पर होने वाले जल प्रदूषण को लेकर बात की गई, तो उन्होंने कहा कि हरियाणा और यूपी अपने अनुपचारित अपशिष्टों को यमुना में छोड़ते हैं. हम किसी पर आरोप नहीं लगाते लेकिन यह सच्चाई है.


सीएम आतिशी के साथ पर्यावरण मंत्री गोपाल राय भी पहुंचे थे जिन्होंने कहा, “आनंद विहार दिल्ली का बस टर्मिनल है और कौशांबी बस टर्मिनल इसके ठीक सामने है. उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में डीजल बसें यहां आ रही हैं. ये भी प्रदूषण का कारण है.  हमने दिल्ली में 2000 से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें चलाई, यूपी में अभी भी डीजल बसें ही चल रहीं."


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