New Excise Policy In Delhi:  दिल्ली सरकार की आबकारी नीति को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना आमने-सामने आ गए हैं. उपराज्यपाल ने इसको लेकर सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है. इससे दिल्ली सरकार में शिक्षा और आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया भी घेरे में आ गए हैं. इसी पर  दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है और अब उनको भी गिरफ्तार करने वाले हैं. उनको फंसाने की साजिश है.


केजरीवाल ने कहा, 'अब नया सिस्टम लागू हुआ है. पहले आदमी खोजते हैं फिर केस बनाते हैं. मैं मनीष सिसोदिया को 22 सालों से जानता हूं वो बेहद ईमानदार हैं.' केजरीवाल ने दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री की भी जिम्मेदारी संभाल रहे मनीष सिसोदिया की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने दिन रात मेहनत करके दिल्ली के स्कूलों को सुधारा है. वो सुबह 6 बजे से सरकारी स्कूलों का दौरा करते हैं.' 


दिल्ली के सीएम ने केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए कहा, 'हमें जेल से डर नहीं लगता. तुम सावरकर की और हम भगत सिंह की औलाद हैं'. केजरीवाल ने कहा कि 'आप' के नेता कट्टर ईमानदार हैं. इसलिए ये कीचड़ फेंकना चाहते हैं. केजरीवाल ने इसके साथ ही कारण गिनाते हुए बताया कि केंद्र सरकार उनके आगे क्यों रोड़े अटका रही है. उनका कहना था कि पंजाब में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद आम आदमी पार्टी पूरे देश में फैल रही है. ये उसे रोकना चाहते हैं. 


केजरीवाल ने कहा, 'जब से पंजाब में आम आदमी पार्टी जीती है  और पूरे देश में फैल रही है, ये नहीं चाहते हैं कि आम आदमी पार्टी आगे बढ़े. हर आदमी चाहता है कि अच्छी शिक्षा, बिजली, पानी मिले. भारत का समय आ चुका है'. 


इसके बाद दिल्ली के सीएम ने कहा कि एक और कारण है जिसके दम पर ये हमें रोकना चाहते हैं. उनका कहना था कि दिल्ली के अंदर जो शानदार काम हो रहे हैं उसे केंद्र में बीजेपी के नेता रोकना चाहते हैं.  लेकिन दिल्ली से जो यह चिंगारी निकली है उसे कोई नहीं रोक सकता है. 


क्या है पूरा मामला 
दिल्ली के उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति पर सवाल खड़े करते हुये इसकी जाँच की सिफ़ारिश CBI को सौंप दी है. दिल्ली के उपराज्यपाल के दफ़्तर से मिली जानकरी के मुताबिक़ एलजी विनय कुमार सक्सेना ने चीफ सेक्रेट्री की एक रिपोर्ट के जवाब में ये सिफ़ारिश की है. दिल्ली के चीफ सेक्रेट्री ने 8 जुलाई,2022 को यह रिपोर्ट LG को सौंपीं थी जिसमें कहा गया कि नई आबकारी नीति के तहत शराब लाइसेंसधारियों को पोस्ट टेंडर गलत लाभ पहुंचाने के लिए जानबूझकर GNCTD एक्ट 1991, व्यापार नियमों का लेनदेन (TOBR) 1993, दिल्ली एक्साइज एक्ट2009 और दिल्ली एक्साइज रूल्स 2010 का उल्लंघन किया गया. 


इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि मुख्य रूप से टॉप लेवल के पॉलिटिकल द्वारा फाइनेंसियल 'क्विड प्रो क्वो' का संकेत है. इतना ही नहीं रिपोर्ट में सीधे आबकारी विभाग के मंत्री मनीष सिसोदिया को भी सवालो के घेरे में रखते हुये कहा गया है कि इसे आबकारी विभाग के मंत्री मनीष सिसोदिया ने ही फाइनल किया. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि निविदाएं दिए जाने के बाद भी शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित वित्तीय सहायता दी गई, इससे राजकोष को भारी नुकसान हुआ. चीफ सेक्रेट्री की इस रिपोर्ट को उपाज्यपाल और मुख्यमंत्री दोनों को भेजा गया है.  अब सवाल ये उठता है कि आख़िर दिल्ली के नये LG ने इस तरह अचानक CBI जाँच की सिफ़ारिश क्यों की है.


 


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