Delhi News: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार (10 मार्च) को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) द्वारा आयोजित महिला छात्र संसद कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने छात्राओं को संबोधित करते हुए अपने विद्यार्थी परिषद के सफर और संघर्षों को साझा किया. उन्होंने कहा कि एबीवीपी केवल एक छात्र संगठन नहीं, बल्कि एक जीवन प्रबंधन पाठशाला है, जो युवाओं को देश और समाज से जोड़ने का काम करती है.
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि वह एक साधारण परिवार से आती हैं, जहां राजनीति या संगठनों से कोई जुड़ा नहीं था. 1993 में उन्होंने पहली बार एबीवीपी से जुड़ने का फैसला किया और तभी से संगठन का हिस्सा बनती चली गईं. वर्ष 1995 में उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ (DUSU) चुनाव लड़ा. उन्होंने बताया कि उस समय वह दौलत राम कॉलेज में पढ़ती थीं, फिर उनका माइग्रेशन सत्यवती कॉलेज में हुआ.
'एबीवीपी और बीजेपी ने बढ़ाया आगे'
मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थी परिषद ने हमेशा उनका मार्गदर्शन किया और हर कदम पर आगे बढ़ने में मदद की. उन्होंने कहा, "मुझे लगा मैं ऐसे संगठन से जुड़ी हूं जो मेरी केयर करता है. एबीवीपी और बीजेपी ने मुझे हर कदम पर संभाला और आगे बढ़ाने का काम किया. आज जब इस मंच से दीप प्रज्वलित कर रही हूं, तो याद आता है कि कभी मैं खुद दीप जलाने के पीछे खड़ी रहती थी."
'बेटी बचाओ से बेटी आगे बढ़ाओ तक पहुंचें'
कार्यक्रम में महिलाओं की स्थिति और समाज में उनके बढ़ते योगदान पर बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब समय बदल चुका है. पहले जहां 'बेटी बचाओ' पर जोर दिया जाता था, वहीं अब 'बेटी पढ़ाओ' और 'बेटी आगे बढ़ाओ' तक का सफर तय किया गया है. उन्होंने कहा कि अधिकतर माता-पिता अब अपनी बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं, हालांकि कुछ को अभी और प्रेरित करने की जरूरत है.
'संगठन से सैकड़ों रेखा गुप्ता तैयार होंगी'
मुख्यमंत्री ने कहा कि एबीवीपी ने उन्हें नेतृत्व और आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाया और आने वाले समय में इसी संगठन से सैकड़ों रेखा गुप्ता आगे आएंगी. उन्होंने छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि कोई भी क्षेत्र असंभव नहीं है, बस मेहनत और लगन से आगे बढ़ने की जरूरत है.
सीएम ने हाल ही में महिला पत्रकारों के साथ हुई चर्चा का भी जिक्र किया, जिसमें एक पत्रकार ने उनसे पूछा था कि अगर माता-पिता किसी फैसले के खिलाफ हों, तो उन्हें कैसे मनाया जाए? इस पर मुख्यमंत्री ने कहा, "मम्मी-पापा किसी के नहीं मानते, क्योंकि उन्हें आपकी चिंता होती है. लेकिन अगर आप सही रास्ते पर हैं, तो उन्हें कन्वेंस किया जा सकता है."
'अब महिलाएं हर जगह नेतृत्व कर रहीं'
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले लड़कियों को केवल स्वागत की जिम्मेदारी दी जाती थी, लेकिन अब वह खुद नेतृत्व कर रही हैं. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं की भागीदारी और बढ़ेगी.
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने संबोधन के अंत में गर्व से कहा, "आज मैं गर्व से कहती हूं कि मैं एबीवीपी से जुड़ी हूं. यह संगठन केवल एक प्लेटफॉर्म नहीं, बल्कि एक परिवार है, जो हर सदस्य को आगे बढ़ाने का काम करता है."
ये भी पढ़ें
वसंत कुंज में झुग्गीवासियों से मिलीं CM रेखा गुप्ता, बोलीं- 'जहां झुग्गी वहीं देंगे पक्का मकान'