Dehli News: दिल्ली के छावला गैंगरेप मामले में दिल्ली महिला आयोग ने पीड़ित परिवार की सुरक्षा को लेकर स्वत: संज्ञान लिया है. आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने इसको लेकर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. आयोग ने अपने नोटिस में मृतक पीड़िता के परिवार को उच्च स्तरीय सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है. आयोग का कहना है कि दिल्ली के छावला की रहने वाली एक 19 साल की लड़की के साथ साल 2012 में उसके 3 पड़ोसियों द्वारा बलात्कार और हत्या की घटना को अंजाम दिया गया.


जिसके बाद ये मामला दिल्ली हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और 11 साल बाद इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपियों को बरी कर दिया. आयोग का कहना है कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया, उसकी आंखों में तेजाब डाला गया,उसके गुप्तांगों में कांच की बोतल डाली गई, उसे सिगरेट और लोहे की रॉड से जलाया गया और अंत में उसकी हत्या कर दी गई. 2014 में निचली अदालत ने आरोपी व्यक्तियों को दोषी ठहराया और उन्हें मौत की सजा दी और उस दौरान माननीय उच्च न्यायालय ने भी इस मामले को दुर्लभतम मामला मानते हुए फैसले को बरकरार रखा.


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आयोग का कहना है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने मामले की जांच और परीक्षण पर अपनी नाराजगी व्यक्त की, और कुछ अन्य चूकों के साथ अपर्याप्त सबूत और अनुचित जांच का हवाला देते हुए सभी तीन अभियुक्तों को बरी कर दिया है और अब ये मामला बेहद संवेदनशील हो गया है. अपराधी रिहा हो चुके हैं और खुले घूम रहे हैं, ऐसे में मृतक लड़की के परिवार के सदस्यों को तुरंत उच्च स्तरीय सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए.
 
इसके साथ ही आयोग ने दिल्ली पुलिस से इस मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी मांगी है, और पुलिस से पीड़िता के परिवार के सदस्यों को मुहैया कराई गई सुरक्षा की जानकारी देने को कहा है. दिल्ली पुलिस को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए अन्य कदमों के बारे में 48 घंटों में आयोग को सूचित करने के लिए भी कहा गया है.
 
इस पूरे मामले को लेकर आयोग की अध्यक्ष ,स्वाति मालीवाल का कहना है कि "मैं उस जघन्य अपराध और मामले की प्रगति से बहुत दुखी हूं, जिसके कारण अंततः मृतका और उसके परिवार को न्याय से वंचित होना पड़ा. यह कई स्तरों पर गहराई से परेशान करने वाला है और हमारे सिस्टम पर कई सवाल उठाता है. आयोग मामले में कानूनी राय ले रहा है. हालांकि, इस बीच परिवार की सुरक्षा चिंता का विषय है और इसलिए हमने इसे सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है.”