Delhi News: राजधानी में आए दिन रेप के कई मामले सामने आते हैं. यौन अपराध के कारण शारीरिक चोट और मानसिक आघात के अलावा पीड़ितों के HIV सहित अन्य यौन संक्रामक बीमारियों से संक्रमित होने का खतरा भी बढ़ जाता है. ऐसे में दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर रेप पीड़ितों और आरोपियों के एचआईवी टेस्ट करवाए जाने की मांग की है. जिससे कि एचआईवी के संक्रमण को रोका जा सके. दिल्ली महिला आयोग में एचआईवी टेस्ट के संबंध में दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग और दिल्ली पुलिस से पूरी जानकारी मांगी है.


महिला आयोग ने मांगी है जानकारी
आयोग का कहना है कि यदि रेपी एचआईवी पॉजिटिव है तो पीड़िता के इस वायरस से संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे में सरकार को इस कदम में ठोस कदम उठाने की जरूरत है. जिससे कि रेप पीड़िताओं को HIV से बचाया जा सके. स्वास्थ्य विभाग को भेजे अपने नोटिस में आयोग की अध्यक्षा ने यह पता लगाने की कोशिश की है कि सभी पीड़िताओं का एचआईवी टेस्ट किया जा रहा है या नहीं.  इसके लिए आयोग ने चिकित्सा परीक्षण के लिए पिछले 3 सालों में अस्पताल में लाए गए रेप की पीड़ितों की संख्या और किये गए एचआईवी परीक्षण के मामलों की संख्या की जानकारी मांगी है. इसके अलावा, NACO द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, शुरू में भले ही रेप पीड़ित का एचआईवी परिक्षण नेगेटिव आया हो, फिर भी उन्हें 3 महीने और 6 महीने के अंतराल के बाद भी परामर्श और एचआईवी परीक्षण की आवश्यकता होती है, आयोग ने विभाग से जानकारी मांगी है कि कितने केस में 3 और 6 महीने के अंतराल पर पीड़ितों के परामर्श और एचआईवी परीक्षण किए गए.


आयोग ने निमित चिकित्सा अधिकारियों से मांगी जानकारी
आयोग ने एचआईवी परीक्षण से पहले और बाद में परामर्श के संबंध में NACO और WHO के दिशा निर्देशों के कार्यान्वयन की जानकारी मांगी हैं. इसके अलावा, आयोग ने अस्पताल द्वारा नामित उन चिकित्सा अधिकारियों की जानकारी मांगी है. जो हर मामले में जांच कर यह बताएं कि पीड़िता को संक्रमण से बचाने के लिए 28 दिन का पोस्ट एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (पीईपी) इलाज देने की आवश्यकता है या नहीं. आयोग ने पीईपी उपचार से संबंधित मानक प्रक्रिया की भी जानकारी मांगी है.


दिल्ली पुलिस को भेजा नोटिस
इसके अलावा आयोग की अध्यक्षा ने दिल्ली पुलिस को भी एक नोटिस जारी कर पूछा है कि रेप के आरोपी सभी व्यक्तियों के एचआईवी परीक्षण किए जा रहे हैं या नहीं. आयोग ने जनवरी 2019 से दर्ज रेप के मामलों की संख्या के साथ-साथ उन मामलों की संख्या मांगी है. जिनमें आरोपी व्यक्तियों का एचआईवी परीक्षण किया गया है. साथ ही यदि रेप के आरोपी एचआईवी पॉजिटिव पाए जाते हैं तो उस स्थिति में अस्पताल को सूचित करने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा अपनाई जाने वाली प्रक्रिया का विवरण भी आयोग द्वारा मांगा गया है.