Delhi: दिल्ली महिला आयोग (DCW) के अध्यक्ष का पद स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) के इस्तीफे के बाद से खाली है. नए अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी. इसके लिए दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग की ओर से एक प्रस्ताव तैयार किया जाएगा. इसे समाज कल्याण मंत्री और मुख्यमंत्री के माध्यम से मंजूरी के लिए उपराज्यपाल के पास भेजा जाएगा. ऐसे में सबकी नजर अब इस बात पर है कि आयोग की अगली अध्यक्ष कौन बनेगी.


एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद ने कहा कि अभी तक इसे लेकर कोई प्रस्ताव उनके पास नहीं आया है, हालांकि, उनकी व्यक्तिगत इच्छा है कि इस बार किसी अनुसूचित जाति की महिला को ही दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा की जिम्मेदारी दी जाए. उन्होंने कहा कि महिलाओं को न्याय दिलाने और उनके सामाजिक उत्थान की दिशा में यह एक बहुत महत्वपूर्ण कदम साबित होगा, क्योंकि महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के 60 प्रतिशत से ज्यादा मामले अनुसूचित जाति की महिलाओं से ही जुड़े होते हैं.


एससी महिलाओं को अत्याचार का सामना करना पड़ रहा- आनंद


आनंद ने कहा, "अभी भी हमारे समाज में अनुसूचित जाति की महिलाओं को बहुत अत्याचार का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें न केवल उनके अधिकारों से वंचित रखा जाता है, बल्कि घर परिवार से लेकर समाज तक हर जगह उन्हें दोहरे संघर्ष से गुजरना पड़ता है. अनुसूचित जाति और उस पर महिला होने की वजह से उन्हें दोहरी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में उनकी सुरक्षा और सामाजिक उत्थान के लिए बेहद जरूरी है कि उनका एक मजबूत सपोर्ट सिस्टम हो, जहां से उन्हें उचित न्याय मिल सके."


'सीएम करें किसी अनुसूचित जाति की महिला के नाम की सिफारिश' 


समाज कल्याण मंत्री का मानना है कि अगर किसी अनुसूचित जाति की महिला को आयोग का अध्यक्ष बनाया जाएगा, तो इससे एससी की महिलाओं के आत्मविश्वास को बल मिलेगा. इसलिए वे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से इसके लिए गुजारिश करेंगे कि इस बार दिल्ली महिला आयोग के अध्यक्ष पद के लिए किसी एससी की महिला के नाम की सिफारिश की जाए.


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