Delhi Politics: त्यौहारों का सीजन शुरू हो गया है.दिल्ली में जगह जगह इन दिनों रामलीलाओं का आयोजन, दुर्गा पूजा की तैयारियां शुरू हो गई है. त्योहारों के चलते बाजारों में भी ख़रीदारों की भी भीड़ लग रही है. साथ ही मंदिरों में भी नवरात्रि के चलते भारी भीड़ उमड़ती है.


लेकिन इस बार दिल्ली पुलिस के एक आदेश को लेकर विभिन्न दलों ने निशाना साधा है. दरअसल दिल्ली पुलिस ने 30 सितंबर को एक आदेश जारी किया है जिसके मुताबिक दिल्ली में कुछ परिस्थितियों को देखते हुए भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 लागू कर दी है जिसके तहत दिल्ली के कई इलाकों में सार्वजनिक तौर पर 4 से ज्यादा लोगों के एक साथ कोई धरना प्रदर्शन या आयोजन करने पर पाबंदी लगाई गई है.


 दिल्ली पुलिस के इस नए आदेश को लेकर एक तरफ जहां रामलीला आयोजक और कालकाजी मंदिर के पुजारी विरोध में सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुके हैं, तो वहीं दिल्ली में चंद महीनों के बाद होने वाले विधानसभा चुनावों की वजह से राजनीतिक पार्टियों ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया है. ख़ासतौर पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस इसे राजनीतिक मुद्दा बना रही है.


 आम आदमी पार्टी इस आदेश की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए इसे तानशाही बता रही है. दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि यह किस प्रकार की तानाशाही है, यह किस प्रकार के आदेश हैं. मुझे तो कभी याद नहीं कि इस देश के इतिहास में इस शहर के इतिहास में ऐसी धारा लगाई गई हो. वो भी त्यौहार के समय में लगाया गया हो. आतिशी ने कहा कि नवरात्र शुरू हो रहे हैं, रामलीला शुरू हो रही है.


सीएम ने कहा कि हिंदू धर्म में इससे पावन समय कोई नहीं है. हर परिवार अपने स्तर पर आयोजन करता है. हर गली में कीर्तन होता है. हर मंदिर में एक कार्यक्रम होता है. अगर ऐसे समय में आप लोगों को इकट्ठा होने से रोक देंगे, तो यह स्वाभाविक बात है कि यह लोगों की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाएगा. सीएम आतिशी ने कहा कि यह मुद्दा अब सुप्रीम कोर्ट गया है और वहां से हमें उम्मीद है.


दिल्ली पुलिस के इस कदम को लेकर भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि दिल्ली वालों की सुरक्षा के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है ताकि हर परिस्थितियों में राजधानी में कानून व्यवस्था को कायम रखा जा सके. बीजेपी इस आदेश का विरोध करने वालों पर हमलावर है. भारतीय जनता पार्टी के विधायक अजय महावर के मुताबिक मुस्लिम तुष्टिकरण और धार्मिक भावनाएं भड़काने के लिए इस आदेश पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं.


आम आदमी पार्टी के साथ-साथ इस मुद्दे को कांग्रेस भी जोर-शोर से उठा रही है. इसको लेकर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के मुखिया देवेंद्र यादव ने पुलिस कमिश्नर से मुलाकात भी की है. दिल्ली पुलिस का यह आदेश बेशक 30 सितंबर से 5 अक्टूबर तक के लिए ही है. लेकिन चुनावी मौसम में इस तरह के आदेश ने राजनीतिक पार्टियों को एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा दे ही दिया है.