Delhi Congress: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि राजधानी दिल्ली में अति संवेदनशील वायु प्रदूषण पर अरविन्द केजरीवाल के संरक्षण वाली दिल्ली सरकार नियंत्रित करने में नाकाम साबित हुई है. आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली में कोई काम नहीं किया सिर्फ लोगों को झुनझुना दिखाने का काम किया है. आतिशी और गोपाल राय बयानबाजी रोककर पर्यावरण पर काम करें.

दिल्ली प्रदूषण के मामले में भी विश्व में नंबर वन की श्रेणी में है. देवेन्द्र यादव ने गंभीर प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली न्याय यात्रा के दौरान लोगों को मास्क बांटे ताकि रोड पर चल रहे लोगों और वाहन चालकों को प्रदूषण से कुछ हद तक बच सकें. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सकारात्मक विचारधारा में विश्वास रखती है इसलिए प्रदूषण नियंत्रण में भागीदारी निभाते हुए हम लोगो को मास्क बांट रहे है. 

'अरविन्द केजरीवाल क्यों पंजाब सरकार पर दबाव नहीं डालती'
आम आदमी पार्टी रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ़ की योजना तो लेकर आई परंतु वालियंटर को मास्क तक वितरित नहीं किए गए.  देवेंद्र यादव ने कहा कि दिल्ली के प्रदूषण में 37 प्रतिशत पराली के धुएं की हिस्सेदारी पर चुप पर्यावरण मंत्री, मुख्यमंत्री और अरविंद केजरीवाल क्यों पंजाब सरकार पर दबाव नहीं डालते कि वो पराली न जलाएं.

उन्होंने कहा कि बाहरी प्रदूषण पराली, औद्योगिक धुंआ आदि के साथ स्थानीय प्रदूषण के कारक वाहन प्रदूषण, टूटी सड़कों पटरियों के धूलकण, कूडें के ढेर, लैंडफिल से निकलती जहरीली गैस दिल्ली को गैस चैंबर बनाने में सहायक सिद्ध हो रहे है.

देवेन्द्र यादव ने कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी प्रशासन मुहैया कराने का वादा करने वाले अरविन्द केजरीवाल के संरक्षण में हो रहे भ्रष्टाचार के कारण दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य कारण सिद्ध हो रहा है क्योंकि करोड़ो रुपये खर्च होने के बावजूद यमुना की सफाई, जल प्रदूषण और वायु प्रदूषण पर तनिक भी नियंत्रण महसूस नहीं हुआ है. 

हर दिन AQI रिकॉर्ड तोड़ दर्ज हो रहा है. क्या यही केजरीवाल मॉडल है, जहां लोग सांसों के लिए तरस रहे है. उन्होंने कहा कि यह सरकार और ट्रैफिक व्यवस्था की नाकामी है कि दिल्ली में डीजल व प्रतिबंधित पेट्रोल के वाहनों के प्रवेश पर पाबंदी होने के बावजूद शहर में खुले आम घूम रहे है.

'ठीक से काम किया जाए तो यह तस्वीर बदल सकती है'
देवेन्द्र यादव ने कहा कि तापमान गिरने से प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच गया है परंतु पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि यदि प्रदूषण के विरुद्ध ठीक से काम किया जाए तो यह तस्वीर बदल सकती है, सरकार की एजेंसियां और विभाग अगर समय से शिकायतों का निपटारा समय पर करें तो हालात में सुधार हो सकता है परंतु सरकार के मंत्री और अधिकारी सब नकारा साबित हुए है और सिर्फ मीडिया में बयान देकर अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहते है.

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