Delhi Politics: न्याय रथ के बाद अब  दिल्ली न्याय यात्रा उसी का अगला और एक बड़ा संस्करण है. हाल ही में शुरू हुई दिल्ली न्याय यात्रा ने अपने दूसरे चरण और छठे दिन में ही जुटी भारी भीड़ कुछ बदले हुए संकेत दे रही है. कल करावल नगर जिले की गोकुलपुर, मुस्तफाबाद और करावल नगर विधानसभाओं से गुजरी यात्रा को जन समर्थन मिलता देख दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव के चेहरे पर एक अलग ही रौनक नजर आ रही थी. 


गोकुलपुर विधान सभा पहुंचने पर क्षेत्र के लोगो ने देवेंद्र यादव का चांदी का मुकुट पहनाकर स्वागत किया. मुख्य अतिथि के रूप में रणदीप सुरजेवाला ने पहुंचकर लोगों में जोश भरने का काम किया. पूर्व विधायक हसन अहमद और करावलनगर जिलाध्यक्ष आदेश भारद्वाज डॉ पीके मिश्रा व लक्ष्मण रावत ने दोनों नेताओं का फूल मालाओं और शाल ओढ़ाकर स्वागत किया. 


सभी नेताओं ने रास्ते भर अलग-अलग जगहों पर रुककर, कामगार, मजदूर और आम लोगों की समस्याओं को सुनकर लोगों को उनकी हर संभव मदद करने का भरोसा दिया. आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि झूठ के धरातल पर रखी गई बुनियाद अंदर से खोखली होती है जो आम आदमी पार्टी के पिछले 11 वर्षों के काम काज के रूप में दिखाई दे रही है. महिलाओं को फ्री बस टिकट की बात करने वाले विधवा पेंशन और वृद्धावस्था पेंशन पर कन्नी काट जाते हैं. 


दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि दिल्ली का बेटा बताने वाले यह नहीं बताते कि पिछले 7 वर्षों से दिल्लीवासियों के राशनकार्ड क्यों नहीं बन रहे? फ्री पानी देने का ढोल पीटने वाले यह नहीं बताएंगे कि गंदे और बदबूदार पानी की सप्लाई क्यों की जा रही है? बाढ़ आने से जान जाने की घटनाएं सब सुनते हैं लेकिन ऐसा पहली बार हुआ कि नाली और नाले की सफाई न होने के कारण हुए जल जमाव से 30 से ज्यादा मौतें हो गई. अगर यही गुड गवर्नेंस है तो हमें यह सरकार नहीं चाहिए. 


देवेंद्र यादव ने बीजेपी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली ने तीन बार भाजपाई सांसद चुने हैं लेकिन सिवाय आरोप प्रत्यारोप के वह कोई और काम नहीं करते. जब भी दिल्ली को उनकी जरूरत पड़ी है वह नदारद रहे हैं फिर वह चाहे कोरोना काल रहा हो या फिर जल जमाव से ही मौतों का समय रहा हो. लेकिन इन दोनों ही पार्टियों से परेशान दिल्ली आज बदलाव मांग रही है और आप सभी का इतना प्यार देना यह बयां कर रहा है कि यह बदलाव होकर रहेगा.


हालांकि दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की शुरुआत में होना है इसलिए हर राजनीतिक दल जनता को अपने पक्ष में करने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं.