Delhi News: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने एमसीडी विशेष सत्र को लेकर निगम में सत्ताधारी पार्टी आप पर हमला बोला है. निगम के पूर्व नेता जितेन्द्र कुमार कोचर ने कहा कि दिल्ली की जनता से चुनाव से पहले किए गए वायदों को पूरा करने में आम आदमी पार्टी पूरी तरह से विफल साबित हुई है. उन्होंने कहा कि एक साल में स्थायी समिति का गठन करने में नाकाम सत्ताधारी दल को स्थायी समिति के सभी अधिकार सदन को देने चाहिए. मेयर की रजामंदी से आयुक्त द्वारा निगम का बजट पेश करने की अलोकतांत्रिक अनियमितता आम आदमी पार्टी पहले ही कर चुकी है. 


उन्होंने कहा कि स्थायी समिति का गठन न होने के कारण 50 से अधिक ले-आउट प्लान लंबित पड़े हैं. नगर निगम में स्थायी समिति सर्वोच्च समिति होती है, जिसके चलते सभी वित्तिय मंजूरी अधिकतर स्थायी समिति से ही ली जाती है. 5 करोड़ से अधिक राशि की निविदा में एजेंसी के चयन का अधिकार सिर्फ स्थायी समिति के पास है. स्थायी समिति का गठन नहीं होने की स्थिति में दिल्ली में जनता से जुड़े कार्य रुक पड़े हैं. इतना ही नहीं, दिल्ली की कालोनियों और जेजे कलस्टरों व पुनर्वास कालोनियों में विकास के काम ठप्प पड़े हैं.


मेयर-निगमायुक्त नहीं कर सकते इन शक्तियों का उपयोग


एमसीडी में कांग्रेस दल की नेता नाजिया दानिश ने कहा कि स्थायी समिति का गठन करने को लेकर आम आदमी पार्टी की नीयत में खोट है. मेयर अपनी शक्तियों का प्रयोग कर 20 से 25 दिनों में स्थायी समिति का गठन कर सकती हैं. उन्होंने कहा कि संसद में पारित निगम एक्ट के अनुच्छेद 44 के अंतर्गत मेयर, निगमायुक्त और स्थायी समिति की अलग-अलग शक्तियां स्पष्ट हैं. लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत महापौर या निगमायुक्त स्थायी समिति के अधिकारों का प्रयोग नहीं कर सकता.


ठप पड़े हैं एमसीडी के विकास कार्य


उन्होंने कहा कि स्थायी समिति का गठन नहीं होने से दिल्ली नगर निगम के बहुत सारे कार्य और प्रस्ताव लंबित पड़े हुए हैं. वार्ड व जोन कमेटियों के गठन भी नहीं होने पर काम रुके हुए हैं, जिसके कारण नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कांग्रेस के पार्षदों ने मेयर से मांग की है कि जब तक स्थायी समिति का गठन नहीं होता, उसकी शक्तियां सदन को दे देनी चाहिए.


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