Delhi News: दिल्ली सरकार ने 22 मार्च को वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट विधानसभा में पेश किया. 78,800 करोड़ रुपये के बजट में दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने दिल्ली के विकास के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर कई घोषणाएं की. इसके अलावा इस बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा, जन कल्याण जैसी योजनाओं का भी समावेश किया गया है जो दिल्ली की जनता के लिए बेहतर साबित हो सकता है, लेकिन दिल्ली सरकार के इस बजट को विपक्षी पार्टियों ने दिशाहीन और कोरे वादों का बजट बताया है.


दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन और दिल्ली सरकार के पूर्व संसदीय सचिव अनिल भारद्वाज ने कहा कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार का बजट पूरी तरह दिशाहीन है. उन्होंने इसे वास्तविकता से दूर और भविष्य की कोरी घोषणाओं का करार देते हुए कहा कि वित्तमंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली मॉडल बजट में दिल्ली वालों के लिए कुछ नहीं किया है.


भ्रष्टाचार, शिक्षा और स्वास्थ्य की बात बेमानी
वहीं भ्रष्टाचार पर दिल्ली सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति पर तंज कसते हुए अनिल भारद्वाज ने कहा कि वर्तमान में भ्रष्टाचार के आरोप में उनके दो मंत्री जेल में बंद हैं. वहीं वो इसे लेकर जीरो टॉलरेंस नीति की बात करते हैं. इस बार के बजट में स्वास्थ्य बजट को 9,769 करोड़ से घटा कर 9,742 करोड़ कर दिया गया है. ऐसे में दिल्ली के लोगों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की बात करना बेमानी है. वहीं विश्वस्तरीय शिक्षा की बात भी दिखावटी लगती है. क्योंकि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 70 प्रतिशत प्रिंसिपल और 33 प्रतिशत टीचरों के पद खाली पड़े हैं. वहीं 1027 स्कूलों में साईंस की पढ़ाई नहीं होती है. ऐसे में बेहतरीन शिक्षा की बात करना लोगों को गुमराह करने की कोशिश है.


ऑक्सीजन प्लांट पर कोई चर्चा नहीं
अनिल भारद्वाज ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने पिछले 9 सालों में कोई भी नया अस्पताल या हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में कुछ भी नहीं किया. इस बार भी उनकी कोई प्रोजेक्ट योजना इसके लिए नहीं है. जबकि कांग्रेस के 15 सालों के शासन काल मे 14 नए अस्पताल और 5 नए सुपर स्पेशलिटी अस्पताल देकर कांग्रेस ने स्वास्थ्य क्षेत्र को नई ताकत दी थी. वहीं दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिकों का ढ़िढोंरा पीटने वाली आप सरकार ने पिछले साल केवल 10 नए मोहल्ला क्लीनिक बनाए गए. दिल्ली में 515 मोहल्ला क्लीनिक है, जबकि 12 प्रतिशत अस्पतालों में आपरेशन थियेटर बंद है. एमआरआई मशीन व लैब टेस्ट नहीं है. दिल्ली की जनता को मजबूरन प्राईवेट हॉस्पिटल में टेस्ट कराना पड़ता है. वहीं स्वास्थ्य बजट में ऑक्सीजन प्लांट पर कोई चर्चा नहीं की गई.


लास्ट माईल कनेक्टिविटी योजना बन सकती है जाम का कारण
अनिल भारद्वाज ने केजरीवाल सरकार की इंफ्रास्ट्रक्चर की पोल खोलते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार ने 28 फ्लाईओवर को बनाने का दावा किया. जबकि आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार 2015-22 के बीच सिर्फ 13 फ्लाईओवर बनाये गए हैं. इसमें नजफगढ-नांगलोई को जोड़ने वाली छोटी सी पुलिया भी शामिल है. भारद्वाज का कहना है कि टूटी सड़कों के चलते दिल्ली में लगातार ट्रैफिक जाम से दिल्ली की जनता जूझ रही है और केजरीवाल सरकार बेहतरीन विकास और विश्वस्तरीय सुविधाएं देने का हवाला देते हैं.


इन मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं 
वहीं लास्ट माईल कनेक्टीविटी के लिए 9 मीटर की सड़कों पर छोटी बसे चलाने की घोषणा को भी उन्होंने पूरी तरह से निराधार बताया है. क्योंकि जहां ऑटो, ई रिक्शा के चलने की उचित सुविधा नहीं है. वहां बसें चलाना ट्रैफिक जाम को अंजाम देने की योजना साबित हो सकती है. अनिल भारद्वाज कहा कि दिल्ली में पार्किंग व्यवस्था, वृद्धों, विधवाओं और दिव्यांगों के लिए पेंशन, गरीब को राशन देने आदि मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं हुई. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का बजट पूरी तरह से दिशाहीन, झूठे वायदे और नारों के साथ दिल्ली की जनता को अंधेरे में रखने के लिए नए तरीके से पेश किया गया है.



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