Delhi Latest News: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते 17 सितंबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उस दौरान आम आदमी पार्टी के दिग्गजों ने दावा किया था कि अरविंद केजरीवाल 15 दिन के भीतर मुख्यमंत्री आवास छोड़ देंगे, लेकिन इस्तीफे के 10 दिन बाद भी वो सीएम आवास में ही हैं. इस बीच आप नेताओं ने उनके लिए सरकारी आवास की भी मांग की. इसके बाद उन्हें कई इलाकों में आवास के विकल्प दिए गए, लेकिन अब तक अरविंद केजरीवाल ने किसी भी घर के लिए हामी नहीं भरी है. इसपर अब विपक्षी दलों ने निशाना साधा है.
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा, "मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री आवास तो छोड़ना ही है, इसमें आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल को महान बनाने की कोशिश क्यों कर रहे हैं? दिल्ली की जनता यह जानती है कि भ्रष्टाचार में लिप्त होने के कारण केजरीवाल जेल गए थे. इसके बाद मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारियां निभाने में सुप्रीम कोर्ट की बंदिशों के कारण उन्होंने 17 सितंबर को इस्तीफा दिया."
'जब घर मिल रहा है तो क्यों नहीं ले रहे'- देवेंद्र यादव
उन्होंने कहा, "मैं पूछना चाहता हूं कि जब पूरी दिल्ली उन्हें घर देने की पेशकश कर रही है, तो अभी तक फैसला क्यों नहीं लिया? सहानुभूति बंटोरने का पाखंड अधिक दिनों तक चलने वाला नहीं है. अरविंद केजरीवाल 10 साल मुख्यमंत्री पद पर रहने के बाद घर ढूंढ रहे है, इस पर कोई विश्वास नहीं करेगा, लेकिन वे हमेशा ही खुद को असहाय, बेचारा और लाचार दिखाते रहते हैं, जिस पर दिल्ली की जनता को विश्वास दिलाने की जबरन कोशिश की जा रही है."
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, केजरीवाल अपनी नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में ही रहना चाहते हैं, ऐसे में उन्होंने डिफेंस कॉलोनी, पीतमपुरा, जोर बाग, चाणक्यपुरी, वंसत विहार और हौज खास आदि में आवास की पेशकश से नई दिल्ली विधानसभा के जोर बाग और चाणक्यपुरी जैसे क्षेत्रों में शिफ्ट होने का फैसला अभी तक क्यों नहीं लिया? केजरीवाल अपने लिए ऐसा घर ढूंढने पर ध्यान दे रहे है जहां वे अपनी पत्नी, बच्चों और बुजुर्ग माता-पिता के साथ आराम से सहूलियतों और संसाधनों के साथ रह सके.
शीश महल का नहीं छूट रहा मोह- देवेंद्र यादव
उन्होंने कहा, "मैं पूरी आम आदमी पार्टी और पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल से पूछना चाहता हूं कि, "क्या वो पिछले 10 सालों में दिल्ली की जनता को किसी भी तरह की सहूलियतें और मौलिक सुविधाएं दे पाए? अपने लिए बाधाओं और विवादों से मुक्त आवास ढूंढने वाले केजरीवाल ने उन मलिन बस्तियों, अनाधिकृत कॉलोनियों, पुनर्वास कॉलोनियों में रहने वाले गरीब लोगों के दर्द को क्यों नहीं समझे जो हर दिन बाधाओं और परेशानी की जिंदगी जीते हैं और जिनको बेहतर जीवन और सुविधाएं देने का उन्होंने लगातार वादा किया था."
उन्होंने केजरीवाल और आप पर आक्रामक होते हुए कहा, "पूरी आम आदमी पार्टी आज दिल्लीवालों से यह कहकर सहानूभूति बंटोरने की कोशिश कर रही है कि जल्द ही अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री आवास छोड़ देंगे, लेकिन प्रतिदिन बदलती घोषणाओं से लगता है कि केजरीवाल और उनके परिवार का शीश महल से मोह छूट नहीं रहा है."