Delhi News Today: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल के अंत से पहले 'वन नेशन वन इलेक्शन' नीति को लागू करने की तैयारी कर रही है. अब इसको लेकर बयानबाजी तेज हो चली है.


कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित ने इस मुद्दे पर कहा कि 'वन नेशन वन इलेक्शन' तो महाराष्ट्र और हरियाणा में लागू कर नहीं पाए. महाराष्ट्र व‍िधानसभा चुनाव में बीजेपी को बहुत कम सीटें मिलेंगी. उन्होंने कहा क‍ि जहां इनको सूट करता है, वहां 'वन नेशन वन इलेक्शन' की बात करने लगते हैं और जहां सूट नहीं करता, वहां शांत हो जाते हैं.


'उपराष्ट्रपति को गंभीरता से नहीं लेता'
आरक्षण को लेकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की ओर से दिये गए बयान पर संदीप दीक्षित ने कहा, "वह उपराष्ट्रपति हैं, संवैधानिक पद पर हैं. इसलिए ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहिए, लेकिन वह एक ऐसे उपराष्ट्रपति हैं, जिनको मैं कभी गंभीरता से नहीं लेता हूं. एक उपराष्ट्रपति के तौर पर मैं उनका सम्मान करता हूं, लेकिन व्यक्तिगत रूप से उनके प्रति मेरे अंदर कोई गंभीरता का भाव नहीं है."


दिल्ली में सियासी उहापोह पर क्या कहा?
पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने दिल्ली में नई सरकार के गठन को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री या काबीना के इस्तीफे से चुनाव जल्दी नहीं होते, क्योंकि उसके बाद राज्यपाल के पास यह मौका रहता है कि वह नई सरकार की संभावनाएं तलाश करें. 


उन्होंने कहा, "अगर संभावनाएं तलाश करेंगे, तो वो विधानसभा को भंग किए ब‍िना राष्ट्रपति शासन भी लगा सकते हैं. जनवरी-फरवरी में विधानसभा भंग होना ही है."


संदीप दीक्षित ने कहा, "अगर केजरीवाल चाहते हैं कि जल्दी चुनाव हो तो, इनको कैबिनेट की बैठक बुलानी चाहिए और विधानसभा भंग करने का प्रस्‍ताव राज्यपाल के पास भेजना चाहि‍ए. अगर केजरीवाल चाहते हैं कि जल्द चुनाव हो, तो उन्हें नाटक करने की बजाय यह कदम उठाना चाहिए."


'आप में सिर्फ केजरीवाल, बाकी सब...'
तंज कसते हुए संदीप दीक्षित ने कहा, "आम आदमी पार्टी में केवल केजरीवाल हैं, बाकी सब उनके घरेलू नौकर हैं. किसी का कोई वजूद नहीं है. मेरे हिसाब से वह ऐसा निर्णय लेंगे कि कौन ऐसा व्यक्ति आएगा, जो इनके भरोसे का हो, जो फाइल न निकलने दे." 


अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए संदीप दीक्षित ने कहा,वह ऐसे व्यक्ति की तलाश में हैं,जो इनके खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूत को दबा के रखे. जो इनके कहने पर काम करे, जिस कांट्रेक्ट पर हस्ताक्षर करना है, उस पर हस्ताक्षर कर दे. एक तरीके से इनका पिट्ठू बनकर वहां रहे." उन्होंने कहा, "वो दिखाने के लिए तमाम औपचारिकता करेंगे. लेकिन यह सब नाटक है, इसका कोई अर्थ नहीं है. केवल समय खराब करने वाली बात है."


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