Delhi: कांग्रेस के इस सांसद ने की अजीब मांग- बने ऐसा कानून जिसमें शादियों में बारातियों की संख्या हो 50 और पकवान हों सिर्फ 11
कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार ऐसा कानून बनाए जिसके तरह बारात में सिर्फ 50 बाराती बुलाने की इजाजत हो और शादियों में बनने वाली डिश भी 11 ही हों.
कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल ( Congress MP Jasbir Singh Gill) ने बुधवार को लोकसभा में केंद्र सरकार से शादियों में मेहमानों की अधिकतम सीमा 50 और 11 डिश की बाध्यता सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने का सुझाव जिया. शून्यकाल के दौरान लोकसभा को संबोधित करते हुए गिल ने कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पहले से ही ऐसे कानून हैं.
शादियों में सिर्फ 50 बारातियों की बाध्यता सुनिश्चित करने के लिए बने कानून- गिल
गिल ने कहा कि, “ आज मैं यहां एक महान सामाजिक बुराई के बारे में बात करने के लिए खड़ा हूं. इस पर सरकार का कोई खर्च नहीं होगा और हम सभी जो यहां बैठे हैं और सरकार को लोगों का आशीर्वाद मिलेगा.” उन्होंने आगे कहा कि, आजकल हमारी शादियाँ बहुत बड़े लेवल पर हो रही है. इतने सारे लोगों को आमंत्रित किया जाता है. महोदय, मेरे पास एक मेनू है और इसमें 289 फूड आइटम्स हैं और इसकी कीमत 2,500 रुपये है. ” गिल ने कहा कि, “मेरा अनुरोध है कि हमें ऐसा कानून लाना चाहिए जिसके तहत शादियों में 50 से ज्यादा बाराती नहीं होने चाहिए और कन्या पक्ष की तरफ से भी 50 से ज्यादा मेहमान नहीं होने चाहिए.”
स्पीकर ओम बिरला ने गिल के आग्रह पर क्या दिया जवाब?
इस पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि गिल को बतौर सांसद इस पर पहल करनी चाहिए और देश इसका अनुसरण करेगा. उन्होंने कहा, "एक सांसद के रूप में, आप इस प्रथा को शुरू क्यों नहीं करते हैं और फिर देश इसका पालन करेगा." इस पर गिल ने जवाब दिया कि उन्होंने ऐसा करना शुरू कर दिया है. लेकिन लोगों को इसका पालन करने और शिक्षित होने के लिए एक कानून लाने की जरूरत है.”
वहीं बिरला ने कहा "कानून से नहीं, ये चीजें हमारी इच्छाशक्ति के कारण होती हैं." उन्होंने कहा, 'अगर सभी सांसद ऐसा करना शुरू कर दें तो देश खुद इसका पालन करेगा. आप राष्ट्र का नेतृत्व करते हैं, ”
गिल ने कहा पाकिस्तान और अफगानिस्तान में बने हैं पहले से ऐसे कानून
वहीं गिल ने अपनी स्टेटमेंट का समापन यह कहते हुए किया कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों में पहले से ही ऐसा कानून है. उदाहरण के लिए, 2015 में, पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि शादियों में केवल एक ही व्यंजन परोसा जाए, और अनावश्यक सजावट पर प्रतिबंध लगा दिया.
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