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Connaught Place: दिल्ली का दिल 'कनॉट प्लेस' अब और भी ज्यादा होगा खूबसूरत, होने जा रहा ये बदलाव

Delhi Connaught Place: जॉर्जियाई स्टाइल के आर्किटेक्चर में बनाया गया था, जो कि दिल्ली का एक व्यापारिक केंद्र था. इसका नाम ब्रिटेन के शाही परिवार के सदस्य ड्यूक ऑफ कनॉट के नाम पर रखा गया था.

Delhi News: दिल्ली का दिल कहे जाने वाले 'कनॉट प्लेस" का जल्द ही जीर्णोद्धार कर इसकी सफेद रंगों वाली शान और पहचान को लौटाया जाएगा. लंबे समय से दिल्ली का दिल, कनॉट प्लेस मार्केट अपने जीर्णोद्धार की बाट देख रहा था. लोगों ने पान की थूक से जहां कनॉट प्लेस की दूधिया रंग से रंगी इमारतों को लाल कर दिया है, तो वहीं कई जगह से टूट- फूट के चलते ऐतिहासिक महत्व का यह मार्केट अपनी पहचान खोता जा रहा था.

कनॉट प्लेस की इस बदहाली को देखते हुए उसके गौरवशाली इतिहास को बनाए रखने के प्रयास में नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के साथ इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (इंटक) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने मिलकर इसके जीर्णोद्धार करने का निर्णय किया है. जिसे लेकर हाल ही में एक एमओयू एनडीएमसी के चेयरमैन अमित यादव, एसबीआई के मुख्य महाप्रबंधक कल्पेश के. अवासिया और इनटेक की संयोजक अनिता सिंह की उपस्थिति में साइन किया गया है.

कनॉट प्लेस में जीर्णोद्धार के साथ होगा पेंटिंग कार्य

बता दें कि इस एमओयू के बाद ब्रिटिश काल के दौरान बने कर्नाट प्लेस मार्केट की इमारतों का जीर्णोद्धार किया जाएगा. साथ ही आउटर व इनर सर्किल सहित रेडियल सड़कों सहित मुख्य भाग का संरक्षण और जीर्णोद्धार के साथ ही पेंटिंग का कार्य भी किया जाएगा, जिसके बाद ठीक उसी तरह दूधिया रंग में कनॉट प्लेस को इमारतें जगमगा उठेंगी, जैसे ब्रिटिश काल के दौरान जगमगाया करती थी. इसके लिए भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व योजना यानी सीएसआर के तहत वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने की सहमति दी है.

एनडीएमसी देगी प्रशासनिक व अन्य सहायता

एनडीएमसी इस जीर्णोद्धार परियोजना को सुचारू रूप से पूरा करने के लिए पर्यवेक्षण, लॉजिस्टिक और प्रशासनिक सहायता प्रदान करेगी और एनडीएमसी कार्य की गुणवत्ता और सरकार के दिशानिर्देशों को सुनिश्चित करने के संदर्भ में इंटेक की ओर से शुरू की गई परियोजना की निगरानी करने और संबंधित विभागों और अधिकारियों के अनुमोदन की शर्तों को भी लागू करेगी. भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय और विरासत संरक्षण समिति ने इस काम को करने के लिए एनओसी दे दिया है.

अनूठी विरासत को प्रदर्शित करने में बनाएगी सक्षम

गौरतलब है कि भारत में इस साल होने वाले G-20 समिट की मेजबानी कर रहा है और इस बार का ये समिट भारत की अध्यक्षता में होने जा रहा है. इसे लेकर भारत में केंद्र व राज्य सरकारों के साथ ही नगर निकायों व विभागों की ओर से तरह-तरह के कार्यक्रम कर भारत की विशेषता को प्रदर्शित करने का प्रयास किया जा रहा है. इस दौरान यह परियोजना एनडीएमसी को नई दिल्ली की अनूठी विरासत को प्रदर्शित करने में सक्षम बनाएगी, जिसमें ब्रिटिश काल के इस विश्व प्रसिद्ध बाजार को संरक्षित किया गया जाएगा.

इसलिए महत्वपूर्ण है कनॉट प्लेस

कनॉट प्लेस को विशेष रूप से जॉर्जियाई स्टाइल के आर्किटेक्चर में बनाया गया था, जो कि दिल्ली के 8वें शहर का एक व्यापारिक केंद्र था. इसका नाम जहां ब्रिटेन के शाही परिवार के सदस्य ड्यूक ऑफ कनॉट के नाम पर रखा गया था. वहीं, इस मार्केट का डिजाइन डब्यूएच निकोल और टॉर रसेल ने बनाया था. यह मार्केट अपने समय की भारत की सबसे बड़ी मार्केट थी. कनॉट प्लेस मार्केट में केवल दो मंजिला इमारत बनाई गई थी, जिसमें पहली मंजिल पर आवासीय स्थान के साथ नीचे वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को रखा गया था. सर्कल के आकार में बने इस वृत्ताकार बाजार को इनर सर्कल, मिडिल सर्कल और आउटर सर्कल में बांटा गया था, जिसमें रेडियल रोड के रूप में जाना जाने वाला एक सर्कुलर सेंट्रल पार्क से निकलने वाली सात सड़कें थीं.

2 सर्कल में विभाजित है कनॉट प्लेस बाजार

कनॉट प्लेस बाजार दो सर्कल इनर व आउटर सर्कल में विभाजित है. इनर सर्कल को पहले कनॉट प्लेस के नाम से जाना जाता था, जो अब राजीव चौक है, जबकि बाहरी सर्कल को कनॉट सर्कस भी कहा जाता है, जिसे आधिकारिक तौर पर इंदिरा चौक कहा जाता है. कनॉट प्लेस में अलग-अलग ब्लॉक हैं, जो दोनों सर्कल के बीच विभाजित हैं.

रेडियल सड़कें 

कनॉट प्लेस में 8 रेडियल सड़कें हैं, जो दोनों सर्कल को एक दूसरे से जोड़ती हैं. ये सड़कें बाजारों, मैट्रो स्टेशनों और आसपास के अन्य स्थानों की ओर जाती है. सड़कों में एलईडी लाइटिंग, एयर सेंसर, स्मार्ट पोल व अन्य सुविधाएं हैं. ये सड़कें हैं शहीद भगत सिंह रोड, बाबा खड़क सिंह रोड, संसद रोड, जनपथ रोड, कस्तूरबा गांधी रोड, मिंटो रोड, बाराखंबा रोड और पंचकुइयां रोड.

व्यावसायिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है कनॉट प्लेस

दिल्ली के 8वें शहर की राजधानी होने की वजह से और इससे जुड़े इतिहास के चलते जहां कनॉट प्लेस हमेशा पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बिंदु रहा है. वहीं, बात यदि व्यावसायिक दृष्टिकोण की करें, तो कनॉट प्लेस काफी महत्वपूर्ण है. यहां विश्व प्रसिद्ध सभी ब्रांड का शोरूम आपको देखने को मिलेगा. इसके साथ ही खाने-पीने के शौकीनों के लिए कनॉट प्लेस फ़ूड हब है. कनॉट प्लेस अपनी खूबियों की वजह से हमेशा ही आकर्षण का केंद्र बना रहा है. यही वजह है कि भारतीय सिनेमा भी यहां शूटिंग करने का मोह रखता है और अक्सर फिल्मों, वेब सीरिज व सीरियल की शूटिंग यहां होती रहती है.

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