दिल्ली में प्रतिदिन कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है और हर रोज कोविड मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. इसी बीच दिल्ली स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा राजधमी में कोविड के मामलों में बढ़तरी के बावजूद अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या काफी कम है. इतना ही नहीं इन मरीजों के लिए ऑक्सीजन और वेंटिलेटर सपोर्ट की भी कम आवश्यकता है. 


हाल ही में जारी हुए दिल्ली सरकार के आंकड़ों के अनुसार शनिवार तक शहर में 3705 एक्टिव कोरोना के मामले हैं. जिनमें से 101 मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, इससे साफ है कि दिल्ली के 9,489 अस्पताल के बिस्तरों में से लगभग 99% खाली हैं. इसके साथ ही दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती 101 रोगियों में से केवल 29 मरीज आईसीयू में थे, 19 को ऑक्सीजन सपोर्ट की आवश्यकता थी और चार गंभीर रूप से बीमार रोगियों को वेंटिलेटर सपोर्ट की आवश्यकता थी.


वहीं शुक्रवार की कोविड अस्पतालों में भर्ती 94 मरीजों में से 28 मरीज आईसीयू में थे, 21 ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे और दो मरीजों को वेंटिलेटर पर रखने की जरूरत थी. कोविड अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीज 90 से अधिक लोग या तो वरिष्ठ नागरिक हैं, जिनकी 75 वर्ष से अधिक आयु है. इसके साथ ही ये मरीज पहले से ही गंभीर बीमारियों से परेशान हैं, जिनमें कुछ मरीजों को कैंसर, ट्यूमर और फेफड़े और गुर्दे की समस्याएं भी हैं. 


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दिल्ली के स्वास्थय अधिकारी ने अस्पताल में भर्ती कोविड मरीजों को लेकर कहा दिसंबर और जनवरी में ओमिक्रोन लहर में अस्पताल में कम मरीज भर्ती हुए थे. जब तक अस्पताल में कोविड मरीजों की भर्ती कम है, तब तक घबराने की कोई बात नहीं है. दिल्ली में टीकाकरण की दर भी काफी अधिक है.