1984 Anti-Sikh Riots: साल 1984 के सिख दंगों से जुड़े विकासपुरी में सिख को जलाने और जनकपुरी में हत्या करने के मामले में दिल्ली की राउज ऐवेन्यु कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय किया. राउज एवेन्यु कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 153A, 295R/W149, 307, 308, 323, 325, 395, 436 के तहत आरोप तय किया है. इसके साथ ही राउज एवेन्यु कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ हत्या की धारा 302 को हटाया है.


वहीं राउज एवेन्यु कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 21 सितंबर को होगी. कोर्ट को बताया गया कि सज्जन कुमार इस केस में हिरासत में नहीं है, सज्जन कुमार इस मामले में जमानत पर हैं. बता दें कि, एसआईटी ने इस मामले में आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 153A, 295, 436, 395, 307, 302, 102B के तहत चार्जशीट दाखिल किया था. दरअसल, 2015 में एसआईटी ने सिख दंगा मामले में जनकपुरी और विकासपुरी में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी. वहीं इससे पहले दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने रविवार (20 अगस्त) तक के लिए फैसला टाल दिया था.


जनकपुरी और गुरुग्राम में किसको मारा गया था?
जनकपुरी में दो सिखों सोहन सिंह और उनके दामाद अवतार सिंह की 1 नवंबर, 1984 को हत्या की गई थी. वहीं विकासपुरी पुलिस स्टेशन के एरिया में गुरुचरण सिंह को जला दिया गया था. इसके 30 साल बाद उनकी मौत हो गई. पूरे मामले में एसआईटी ने सज्जन कुमार का मई 2018 में पॉलीग्राफी टेस्ट भी किया था. 


सिख विरोधी दंगा कैसे शुरू हुए?
साल 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की स्वर्ण मंदिर परिसर में चलाए गए ऑपरेशन ब्लूस्टार को लेकर उनके सिख बॉडीगार्ड्स ने उनकी हत्या कर दी थी. इसके बाद सिख विरोधी दंगे दिल्ली और पंजाब सहित कई हिस्से में शुरू हो गए थे. इसमें लोगों को सिखों के खिलाफ भड़काने की कोशिश की गई. 


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