(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Delhi की अदालत ने रेप के आरोपी सरकारी कर्मचारी को दी जमानत, जानें एएसजे ने अपने आदेश में क्या कहा?
Delhi Crime News: एएसजे गुप्ता ने एक हालिया आदेश में कहा कि जमानत आवेदन पर विचार करते समय यह देखा जाता है कि आरोपी के जमानत मिलने के बाद फरार होने और गवाहों को प्रभावित करने का अंदेशा है या नहीं.
Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने बलात्कार के आरोपी एक व्यक्ति को जमानत देते हुए कहा कि सरकारी कर्मचारी होने की वजह से उसके फरार होने की आशंका बेबुनियाद है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एएसजे शर्मा गुप्ता ने यह आदेश सरकारी कर्मचारी की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद दी. इस मामले में आरोपी 25 अक्टूबर से जेल में बंद है. एएसजे गुप्ता ने एक हालिया आदेश में कहा कि जमानत आवेदन पर विचार करते समय यह देखा जाता है कि आरोपी के जमानत मिलने के बाद फरार होने और गवाहों को प्रभावित करने का अंदेशा है या नहीं. यह भी देखा जाता है कि हिरासत में पूछताछ से आगे की जांच में मदद मिलेगी या नहीं.
पुलिस की आशंका बेबुनियाद
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एएसजे शर्मा गुप्ता ने कहा कि वर्तमान मामले में आरोपी ने ही कथित घटना के बाद पुलिस को फोन किया था और उन्हें सूचित किया था कि महिला की हालत 'ठीक नहीं' है और उनके आने तक इंतजार किया था. अदालत ने कहा कि आरोपी एक सरकारी कर्मचारी है, इसलिए अभियोजन या जांच अधिकारी की यह आशंका कि वह फरार हो जाएगा, इसका कोई आधार नहीं है.
धमकाने की बात सिर्फ एक बयान
दिल्ली की अदालत ने यह भी कहा कि अभियोजन की यह दलील की आरोपी का परिवार पीड़िता को धमका रहा है, सिर्फ एक बयान है, जिसका न सत्यापन किया गया है और न ही स्वतंत्र गवाह ने इसका समर्थन किया है. अदालत ने आरोपी को 30 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की ज़मानत पर राहत प्रदान कर दी.
अदालत ने इस मामले में भी आरोपों को माना था गलत
बता दें कि दिल्ली की एक अदात ने 35 साल की प्रोफेसर की ओर से 20 वर्षीय युवा, जो उसका स्टूडेंट भी है के खिलाफ रेप करने, धोखा देने, जबरन अबॉर्शन कराने का आरोप लगाने के बाद भी दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने परिस्थितिजन्य साक्ष्यों को आधार पर आरोपी छात्र को अग्रिम जमानत दी थी. इस मामले में महिला ने आरोप लगाया था कि डेढ़ साल पहले छात्र ने अपनी 35 साल की टीचर से शादी कर ली थी. उसी टीचर ने अब उस पर बलात्कार, आपराधिक साजिश और अन्य अपराधों के आरोप लगाए. पुलिस ने मामला दर्ज भी कर लिया, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत रेप के लिए दर्ज मामले में सजा की गंभीरता को देखते हुए आरोपी युवा को जेल भेजने के बदले अग्रिम जमानत दे दी.
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