Sharjeel Imam Case: दिल्ली की कड़कड़डुमा अदालत ने शुक्रवार को शरजील इमाम की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई 7 जुलाई तक स्थगित कर दी है. छह जून को अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था. तब से ऐसी संभावना थी कि अदालत शुक्रवार को अपना फैसला सुनायेगी. कड़कड़डुमा अदालत में जैसे ही मामला सुनवाई के लिए आया तो इसे अगले माह के लिए स्थगित कर दिया गया. जज के अवकाश पर होने की वजह से आज सुनवाई टली. शरजील ने दलील थी कि सुप्रीम कोर्ट में राजद्रोह कानून को खत्म किये जाने के बारे में बहस हो रही है तो ऐसे में उसे जमानत दे दी जाये.
शरजील इमाम राजद्रोह के मामले में 28 जनवरी 2020 से न्यायिक हिरासत में है. शरजील पर आरोप है कि उसने 13 दिसंबर 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया और 16 जनवरी 2020 को अलीगढ़ मुस्लिम यूलिवर्सिटी में भड़काऊ भाषण दिया था. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, शरजील इमाम और उमर खालिद और कई अन्य लोग फरवरी 2020 के दिल्ली दंगे से जुड़े हैं. इन दंगों में 50 से अधिक लोग मारे गये थे और 700 लोग घायल हो गये थे.
कई धराओं में मुकदमा दर्ज
शरजील इमाम पर संशोधन नागरिकता अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) को लेकर सरकार के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप है, खासकर, दिसंबर 2019 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया में जिसके कारण विश्वविद्यालय के बाहर के क्षेत्र में हिंसा हुई. उसके खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं और कड़े गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं.
अप्रैल 2020 में, इमाम पर राजद्रोह का आरोप लगाया गया था. दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया था कि उसके भाषण ने लोगों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा दिया जिसके कारण जामिया मिलिया इस्लामिया क्षेत्र में दंगे हुए. सीएए के समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़पों के बाद फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे.