मनीष सिसोदिया को विधायक फंड जारी करने की मिली इजाजत, इन इलाकों में विकास कार्यों को मिलेगा बढ़ावा
Manish Sisodia: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने शनिवार को दिल्ली आबकारी नीति मामले (Delhi Excisr Policy) में आप नेता मनीष सिसोदिया को कोई राहत नहीं दी. अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया.
Manish Sisodia News: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के विधायक मनीष सिसोदिया को अदालत से उनके विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए फंड जारी करने की इजाजत मिल गई है. अब आप नेता अपने विधानसभा क्षेत्र में जेल में रहते हुए भी विकास कार्य करवा पाएंगे.
मनीष सिसोदिया फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें पिछले साल मार्च में कथित आबकारी नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था.
विकास के लिए मनीष को मिले तीन करोड़
आप विधायक मनीष सिसोदिया की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि विधायक फंड से खिचड़ीपुर गांव, ईस्ट विनोद नगर, पुनर्वास कॉलोनी खिचड़ीपुर, रेलवे कॉलोनी और मंडावली में विकास कार्यों के लिए अदालत से उन्होंने अमुमति मांगी थी कि विधायक निधि से तीन करोड़ रुपये जारी करने दिया जाए. अदालत ने उन्हें इसकी इजाजत दे दी है.
इस मामले में सिसोदिया को नहीं मिली राहत
वहीं, दिल्ली की एक अदालत ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत शनिवार को 15 जुलाई तक बढ़ा दी. आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सिसोदिया की न्यायिक हिरासत अवधि समाप्त होने पर उन्हें विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की अदालत में पेश किया गया. अदालत ने उनकी हिरासत अवधि बढ़ा दी.
बता दें कि ईडी ने पिछले साल नौ मार्च को सिसोदिया को दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 से संबंधित मामले में गिरफ्तार किया था. इस मामले में सीबीआई का कहना था कि दिल्ली आबकारी नीति तैयार करने और कार्यान्वयन दोनों में अनियमितताएं थीं. इसका मकसद 'आप' से जुड़े लोगों को कथित तौर पर लाभ पहुंचाना था. सीबीआई के अधिकारी सिसोदिया के जवाब से संतुष्ट नहीं थे.
उन्होंने आरोप लगाया था कि सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे जिसके परिणामस्वरूप उन्हें गिरफ्तार किया गया था. आबकारी नीति विवादित होने के बाद सीएम केजरीवाल सरकार ने इसे रद्द कर दिया गया था.
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