Delhi News: पद्मश्री मायाधर राउत सरकारी आवास से बेदखल, बाकी कलाकार भी तलाशने लगे ठहरने की जगह
पद्मश्री सम्मान से सम्मानित 91 वर्षीय उड़िया नर्तक गुरु मायाधर राउत के सरकारी बंगले को खाली करा लिया गया. इसके बाद दिल्ली में बेदखली का सामना कर रहे बाकी कलाकार भी किराए के आवस की तलाश कर रहे हैं.
केंद्र सरकार द्वारा मंगलवार को दक्षिण दिल्ली के खेलगांव में रह रहे 91 वर्षीय उड़िया (ओडिसी) नर्तक और पद्मश्री सम्मान से सम्मानित गुरु मायाधर राउत को उनके सरकारी बंगले से बेदखल कर दिया है. यह बंगला उन्हें साल उन्हें 1980 में मामूली किराए पर आवंटित किया गया था. वहीं इसके बाद दिल्ली में रह रहे बेदखली का सामना कर रहे अन्य प्रतिष्ठित कलाकार किराए के आवास की तलाश कर रहे हैं. क्योंकि सरकार की तरफ से साफ कहा गया है कि कलाकार आवंटन अवधि के बाद भी सरकारी आवास पर कब्जा नहीं रख सकते हैं.
इस बात पर गुरु मायाधर की बेटी मधुमिता ने कहा मुझे आश्चर्य है कि उन्होंने हमें बेदखल करने से पहले हमारी आय क्यों नहीं देखी और हमारा सामान भी बाहर फेंक दिया. मेरे पिता जी ने ओडिसी को एक औपचारिक और व्यवस्थित प्रणाली का दर्जा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने नर्तकियों की एक आकाशगंगा बनाई है, जो पुरस्कार और प्रशंसा जीतने के लिए आगे बढ़े हैं. बता दें कि केंद्र सरकार की 2014 की नई नीति के तहत, केंद्र सरकार के कर्मचारियों को सरकारी आवास दिया जाना है और कलाकारों और खिलाड़ियों के लिए सभी कोटा धीरे-धीरे समाप्त किया जा रहा है.
वहीं केंद्र सरकार ने इस मामले पर कहा कलाकारों को आवंटित घरों से बेदखल करने का निर्णय दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार है. आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने कहा कि कलाकारों ने इसके लिए हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसे इस साल की शुरुआत में खारिज कर दिया गया था. इसके बाद इन्हें घर खाली करने के लिए 25 अप्रैल तक का समय दिया गया था. वहीं कलाकारों का कहना है कि सरकार ने भले ही 2014 आवंटन रद्द कर दिए लेकिन हमें इस बात की जानकारी साल 2020 में ही दी गई थी.
इसके साथ ही कलाकारों ने सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या यह एक 'राजनीतिक खेल' था जो हमें आवास आवंटित किए गए. इसके साथ ही इस घटना के बाद कुचिपुड़ी के प्रतिपादक गुरु जयराम राव अपनी पत्नी वनश्री राव के साथ मुंबई स्थित फ्लैट में अपने बेटे के साथ रहेंगे. इस घटना पर उन्होंने कहा कि मैं अपमानित महसूस कर रहा हूं कि हमारी आलोचना की है. आज हमारे पास अपने पुरस्कारों को रखने के लिए जगह नहीं है और ये आवास कुछ बड़े बंगले नहीं हैं ये दो बेडरूम के फ्लैट हैं.