Delhi Court Reserved Order On Jagdish Tytler: दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार (19 जुलाई) को इस बात पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया कि सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप तय किया जाए या नहीं. इस दंगा में तीन लोग मारे गए थे.


पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक मामले में सीबीआई के स्पेशल जज राकेश सियाल ने केंद्रीय जांच एजेंसी और बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया. अदालत 2 अगस्त को आदेश सुना सकती है.


जगदीश टाइटलर पर क्या हैं आरोप?


सीबीआई ने एक गवाह के हवाले से चार्जशीट में आरोप लगाया था कि कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर 1 नवंबर, 1984 को गुरुद्वारा पुल बंगश के सामने एक सफेद एंबेसेडर कार से बाहर निकले और भीड़ को सिखों को मारने के लिए उकसाया. सिखों को मार डालो, उन्होंने हमारी मां को मार डाला है. पूर्व केंद्रीय मंत्री टाइटलर पर आरोप है कि उन्होंने भीड़ को उकसाते हुए ऐसा कहा था, जिसके बाद तीन लोगों की हत्या हुई.


31 अक्टूबर, 1984 को प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या के बाद देश के कई हिस्सों में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे. एक सेशन कोर्ट ने इस मामले में पिछले साल अगस्त में टाइटलर को अग्रिम जमानत दे दी थी. अदालत ने टाइटलर पर कुछ शर्तें भी लगाई थीं.


कोर्ट की शर्तों में यह भी शामिल था कि वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे या उसकी अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ेंगे. केंद्रीय जांच एजेंसी ने धारा 147 (दंगा), 109 (उकसाने) के तहत आरोप लगाए हैं.


यह मामला तब का है जब 1 नवंबर 1984 को आजाद मार्केट स्थित गुरुद्वारा पुल बंगश को एक भीड़ ने आग लगा दी थी और सरदार ठाकुर सिंह, बादल सिंह और गुरचरण सिंह नामक तीन लोगों की जलकर मौत हो गई थी. यह घटना तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के एक दिन बाद हुई थी.


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