Delhi News: दिल्ली की एक अदालत ने देशद्रोह (Sedition) मामले में शरजील इमाम की जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. अदालत द्वारा 17 फरवरी को फैसला सुनाया जाएगा. दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने पिछले महीने ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया था कि वह शरजील इमाम (Sharjeel Imam) की जमानत याचिका पर फरवरी तक निस्तारण कर दे. शरजील को सांप्रदायिक दंगा मामले में गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की विशेष शाखा ने 2020 में शरजील के खिलाफ FIR 22 के तहत केस दर्ज किया था. उसपर शुरुआत में देशद्रोह का केस दर्ज किया गया था लेकिन बाद गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 13 लगाई गई थी. वह जनवरी 2020 से हिरासत में है.
शरजील ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी जिस पर इस आधार पर जमानत की मांग की थी कि उसने यूएपीए की धारा 13 के तहत निर्धारित अधिकतम सात साल की सजा का आधा हिस्सा पूरा कर लिया है. इस पर जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस मनोज जैन की खंडपीठ ने नियमित जमानत के लिए इमाम की याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि वैधानिक जमानत के लिए आवेदन पहले से ही ट्रायल कोर्ट में विचाराधीन है. कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा कि हम ट्रायल कोर्ट को सुनवाई की अगली तारीख से 10 दिनों के भीतर आवेदन पर निर्णय लेने और फैसला सुनाने का निर्देश देते हैं. कोर्ट ने साथ ही कहा था कि यदि जमानत से इनकार कर दिया जाता है, तो नई अपील दायर की जा सकती है.
शरजील ने अपनी अपील में कही यह बात
इस दौरान हाई कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा था कि शरजील के खिलाफ सिर्फ एक अपराध नहीं है बल्कि कई अपराध दर्ज हैं. इमाम ने अपनी अपील में कहा था कि उसने न्यायिक हिरासत में तीन साल और छह महीने बिताए हैं और इसलिए आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 436 ए के तहत वैधानिक जमानत का हकदार होना चाहिए. वहीं, दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा दिए गए समय के अनुसार ही निचली अदालत ने बुधवार को सुनवाई की और उसने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
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