Uphar Cinema Fire Tragedy:  दिल्ली की एक अदालत ने 1997 के उपहार सिनेमा अग्निकांड से संबंधित एक मामले में सबूतों से छेड़छाड़ को लेकर रियल एस्टेट कारोबारी सुशील और गोपाल अंसल की दोषसिद्धि सोमवार को बरकरार रखी. इस अग्निकांड में 59 लोगों की मौत हो गई थी. जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने रियल एस्टेट कारोबारियों और दो अन्य लोगों की ओर से दायर अपील खारिज कर दी जिसमें उन्होंने एक मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा अपनी दोषसिद्धि को चुनौती दी थी.


अदालत सजा को लेकर दलीलें मंगलवार को सुनेगी. हालांकि, अदालत ने मामले में एक सह-आरोपी अनूप सिंह को बरी कर दिया और उसे जमानत दे दी. एक मजिस्ट्रेट अदालत ने मामले में अंसल भाइयों को दोषी ठहराया था और सात साल की जेल की सजा सुनाई थी. इसके साथ ही अदालत ने उनमें से प्रत्येक पर 2.25 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था.


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अदालत ने अंसल के पूर्व कर्मचारी दिनेश चंद शर्मा और दो अन्य लोगों पी पी बत्रा और अनूप सिंह को भी सात साल की जेल की सजा सुनाई थी. साथ ही उन पर तीन-तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. यह मामला मुख्य अग्निकांड मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ से संबंधित है जिसमें अंसल बंधुओं को दोषी ठहराया गया था. इसमें सुप्रीम कोर्ट ने दो साल की जेल की सजा सुनाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि उन्हें जेल में व्यतीत किये गए समय को ध्यान में रखते हुए इस शर्त पर रिहा कर दिया था कि वे 30-30 करोड़ रुपये का जुर्माना देंगे. इस जुर्माने का इस्तेमाल राष्ट्रीय राजधानी में एक ट्रॉमा सेंटर के निर्माण के लिए किया जाएगा.



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