Delhi Covid-19 Effect: दिल्ली में कोरोना ने भयंकर तबाही मचाई है. कोविड-19 की दूसरी लहर में तो मरीजों को अस्पतालों में जगह मिलनी मुश्किल हो गई थी. वहीं कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए कई अस्पतालों को कोविड डेडिकेट करना पड़ा था. इस वजह से अन्य बीमारियों जैसे किड़नी, हार्ट, कैंसर, टीबी, आदि के मरीजों को अस्पतालों में इलाज मिलना मुश्किल हो गया था. इतना ही नहीं कोरोना काल में पुरुषों की नसबंदी (Male Sterilization) और महिलाओं की नलबंदी (Female Sterilization) भी प्रभावित हुई.
कोरोना काल में नसबंदी/नलबंदी में आई गिरावट
बता दें कि कोरोना काल के दौरान दिल्ली में पुरुषों की नसबंदी में 90 फीसदी की कमी दर्ज की गई. वहीं महिलाओं की नसबंदी में 55 प्रतिशत की कमी आई. इस दौरान कंडोम भी कम भी वितरित किए गए थे.
पिछले सात सालों में क्या रहा है नसबंदी/नलबंदी का आंकड़ा
- 2014-2015 में 811 पुरुषों ने कराई नसबंदी, 16,647 महिलाओं की हुई नलबंदी, कुल आंकड़ा 17 हजार 458 रहा
- 2015-2016 में 901 पुरुषों ने कराई नसबंदी, 16 हजार 482 महिलाओं की हुई नलबंदी, कुल आंकड़ा 17 हजार 383 रहा
- 2016-2017 में 1323 पुरुषों ने कराई नसबंदी, 17 हजार 546 महिलाओ की हुई नलबंदी, कुल आंकड़ा रहा 18 हजार 869
- 2017-2018 में 491 पुरुषों की हुई नसबंदी, 16 बजार 513 महिलाओं की हुई नलबंदी, कुल आंकड़ा 17 हजार 4 रहा.
- 2018-2019 में 499 पुरुषों की हुई नसबंदी, 17 हजार 32 महिलाओं की हुई नलबंदी, कुल आंकड़ा 17 हजार 531 रहा.
- 2019-2020 में 740 पुरुषों की हुई नसबंदी, 17 हजार 652 महिलाओं की हुई नलबंदी, कुल 18 हजार 392 रहा आंकड़ा
- 2020-2021 में 78 पुरुषों की हुई नसबंदी, 7 हजार 806 महिलाओं ने कराई नलबंदी, कुल आंकड़ा रहा 7 हजार 884.
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