नई दिल्ली:  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि राजधानी दिल्ली में कोरोना की दूसरी लहर के मुकाबले तीसरी लहर में अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या कम है. इसके पीछे वजह ये बताई गई है कि ज्यादातर मरीज घर पर ही रह कर ठीक हो रहे हैं. स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की ओर से कहा गया कि दिल्ली में 9 जनवरी से 19 जनवरी तक 75000 से 78000 सक्रिय मरीजों की संख्या रही है जिसमें से अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या 2500 से 2600 के बीच है.


99 फ़ीसदी व्यस्क मरीजों में बुखार के लक्षण मिले


वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई है कि तीसरी लहर के दौरान दिल्ली में 99 फ़ीसदी व्यस्क मरीजों में बुखार एक सामान्य लक्षण के रूप में देखने को मिला है. जिसमें खांसी, गले में जलन, कंपकंपी जैसे लक्षण कोरोना मरीजों में देखे गए हैं, जो कि सामान्य लक्षण हैं. और यह लक्षण पांचवे दिन तक मरीजों में ठीक हो रहे हैं.


संक्रमितों में सामान्य लक्षण मिले हैं


स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि तीसरी लहर के दौरान संक्रमितों में बुखार खांसी गले में जलन मांसपेशियों में दर्द थकावट जैसे सामान्य लक्षण देखने को मिले हैं जो कि 5 दिन बाद खत्म हो रहे हैं इतना ही नहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 11 से 18 आयु वर्ग के युवाओं में बुखार एक सामान्य लक्षण है जिसे अपर रेस्पिरेट्री ट्रैक्ट इनफेक्शन कहा जा सकता है यानी कि 11 से 18 आयु वर्ग के युवाओं में कोरोना गंभीर लक्षण देखने को नहीं मिले हैं. इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई कि अभी तक 15 से 18 आयु वर्ग के 52 फ़ीसदी युवाओं को वैक्सीन की पहली डोज़ लग चुकी है जिसकी कुल संख्या 3.84 करोड़ है.


युवाओं अच्छी इम्यूनिटी के चलते कोरोना से हो रहे ठीक


वही इसे लेकर दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर और कोविड स्पेशलिस्ट डॉक्टर धीरेन गुप्ता ने एपीबी न्यूज़ को बताया कि कोई भी इंफेक्शन जोकि नाक से होते हुए श्वास नली से फेफड़ो तक पहुंचता है उसे अपर रेस्पिरेट्री इंफेक्शन कहा जाता है, ऐसे में यह इन्फेक्शन लंग्स से नीचे नहीं गया है, यानी कि फीवर, कफ एंड कोल्ड, के बाद इससे पीड़ित मरीज जल्दी ठीक हो रहे हैं, खास तौर पर उन्होंने बताया क्योंकि युवाओं में अच्छी इम्यूनिटी होती है, उन की रोग प्रतिरोधक क्षमता बुजुर्गों और किसी भी गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों के मुकाबले बेहतर होती है, इसीलिए उनमें देखे गए कोरोना के लक्षण सामान्य पाए गए हैं. बुखार, कफ एंड कोल्ड आदि लक्षणों के बाद 11 से 18 आयु वर्ग के मरीज जल्दी रिकवर हो रहे हैं.


इस बार 11 से 18 आयु वर्ग के लोग कोरोना से ज्यादा प्रभावित हुए हैं


पीडियाट्रिशियन डॉक्टर धीरेन ने बताया इस बार देखने को मिला है कि वायरस जो कि पहले सीनियर सिटीजन को ज्यादा इफेक्ट कर रहा था वो अब यंग एडल्ट की ओर शिफ्ट हुआ है. 11 से 18 आयु वर्ग के लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं, लेकिन उनमें कोई भी गंभीर लक्षण देखने को नहीं मिला है, उन्होंने बताया कि 18 साल तक के जो भी संक्रमित मरीज आए हैं उनमें से उन्हीं मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराए जाने की आवश्यकता पड़ी है जिन की रोग प्रतिरोधक क्षमता या तो कम है या फिर वह किसी ना किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. इसके अलावा 11 से 18 आयु वर्ग के युवाओं में कोरोना के सामान्य लक्षण देखे गए हैं.


इस बार वायरस से निमोनिया नहीं हुआ है


डॉक्टर धीरेन ने बताया कि इस बार वायरस से निमोनिया नहीं हुआ है, क्योंकि निमोनिया के कारण ही लोगों की जान को ज्यादा खतरा था, लेकिन इस बार वायरस का वह खतरनाक रूप देखने को नहीं मिला है. हालांकि ऐसे में हम भविष्य में इस बात को नहीं नकार सकते कि कहीं वायरस का फिर से म्यूटेशन ना हो, ऐसे में जरूरी है कि जल्द से जल्द सभी लोगों को वैक्सीन लगे, जिन लोगों को अभी तक वैक्सीन नहीं लगी है वह अपना वैक्सीनेशन पूरा करवाएं और कोरोना उपयुक्त व्यवहार का पालन करें.


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