राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi News) में शुक्रवार को भी कोरोना वायरस संक्रमण (Covid 19 In Delhi) के 25 हजार से कम मामले आएंगे. दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) ने ये जानकारी दी है.
उन्होंने बताया है कि गुरुवार को दिल्ली में 28,867 मामले आए थे लेकिन शुक्रवार को 25,000 से कम नए केस पाए जाने के आसार हैं. जैन ने कहा कि कल (गुरुवार को) अब तक के सबसे ज्यादा केस सामने आये. पॉजिटिविटी रेट भी करीब 30% के आसपास थी. अब जब ऑल टाइम हाई केस आ चुके है तो हम ये मान के चल रहे हैं कि अब केस कम आने चाहिये.
मंत्री ने कहा कि मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की संख्या स्थिर हो रही है. जैन ने कहा कि दिल्ली में कोरोना से जितने भी लोगों की मौत हुई है, वह पहले से किसी ना किसी बीमारी की चपेट में थे. उन्होंने कहा कि दिल्ली में फिलहाल 13,000 बेड खाली हैं. जैन ने यह भी जानकारी दी कि हाल में दिनों में कोरोना से मारे गए लोगों में से 75 फीसदी ने वैक्सीनेशन नहीं कराया था.
उन्होंने कहा कि अस्पताल में पिछले 5 दिन से मरीजों के भर्ती होने की रफ्तार रुक गई है. अब उतने ही मरीज भर्ती हो रहे हैं जितने 5 दिन पहले हो रहे थे. 1, 5000 मामलों पर भी उतने ही मरीज भर्ती हो रहे थे. 28, 000 मामलों पर भी भी उतने ही मरीज अस्पताल आ रहे हैं. यह सकारात्मक संकेत हैं. टीकाकरण के मुद्दे पर जैन ने कहा कि अब तक पहली डोज 100% लोगों को लग चुकी है. दूसरी डोज में वेटिंग है. अब आप किसी को मजबूर नहीं कर सकते कि अगर उनकी 3 महीने की वेटिंग है, 1 महीने की वेटिंग है तो वह जल्दी वैक्सीन लगवा लें. जिसका भी टाइम पूरा हो रहा है वे लोग टीका लगवा रहे है. मुझे लगता है अगले आने वाले 2 से ढाई महीनों में वैक्सीनेशन पूरा हो जाएगा.
दिल्ली में बंद कराया गया बाजार
दिल्ली में लगाई गई पाबंदियों पर जैन ने कहा कि जो संकेत मिल रहे है उससे लगता है कि 2-3 दिनों में स्थिति साफ हो जाएगी. मुझे लगता है कि मामले अगर कम होते हैं तो पाबंदी बढ़ाने की जरूरत है ही नही.
दूसरी ओर दिल्ली कोरोना के घटते-बढ़ते संक्रमण के बीच प्रशासन नियमों को सख्ती से लागू कर रही है. अधिकारियों ने कोविड-19 प्रोटोकॉल और नियमों का उल्लंघन करते हुए करावल नगर में कालीघाट बाजार को बंद कर दिया है. प्रशासन ने कहा है कि यह दुकानें अगले आदेश तक बंद रहेंगी. यह कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि दुकानदार और आम जनता कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन नहीं कर रहे थे.