Durga Puja 2022: कोविड (Covid-19) महामारी के दो साल बाद एक बार फिर दिल्ली (Delhi) में दुर्गा पूजा की धूम देखने को मिल रही है. ऐसे में अपने दुर्गा पूजा समारोहों के लिए जाना जाने वाला मिनी बंगाल चित्तरंजन पार्क में भी पुराना उत्साह वापस आ गया है. यहां बड़े-बड़े मां दुर्गा पंडालों से लेकर सुगंधित व्यंजनों तक त्योहार की तैयारियां जोरों पर हैं और भक्त महामारी के पहले की तरह ही दुर्गा पूजा मनाने के लिए तैयार हैं.
आजादी का अमृत महोत्सव थीम
पांडाल के कोषाध्यक्ष आशीष शोम ने बताया कि हम इस बार दुर्गा पूजा के 47 वें वर्ष का जश्न मनाने जा रहे हैं. कोविड-19 के कारण पिछले दो सालों में हम सही तरीके से एक भी दुर्गा पूजा नहीं कर सके. इस साल हम 2019 की तरह ही वापस आ रहे हैं. इस साल हमारी थीम है आजादी का अमृत महोत्सव और पंडाल के ऊपर एक बड़ा झंडा होगा. हम मनोरंजन के उद्देश्य से कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करेंगे. वहीं इस साल कोविड की वजह से चंदा बहुत ज्यादा नहीं एकत्रित हो पाया है. इसलिए हम इन आयोजनों पर बहुत अधिक पैसा खर्च नहीं कर रहे हैं. इस बार 'ढाकी' पारंपरिक ढोल वादक सीआर पार्क में वापस देखे जा सकते हैं.
कोविड के सभी प्रोटोकॉल होंगे फॉलो
सीआर पार्क के समिति सदस्य पार्थ बनर्जी ने कहा इस साल हमें पुलिस द्वारा सलाह दी गई है कि अनावश्यक भीड़ से बचने के लिए दुर्गा पूजा के दौरान किसी भी बड़ी हस्ती को आमंत्रित न करें. पिछले साल कोविड के कारण दुर्गा पूजा बहुत छोटे समारोह में किए गए थे. हमें सभी प्रोटोकॉल का पालन करने, मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए कहा गया है. इस साल पिछले दो साल की तरह कोई पाबंदी नहीं है लेकिन यह 2 साल बाद मनाया जा रहा है इसलिए इस बार भीड़ बड़ी होने वाली है तो सावधानी रखना जरुरी है. पहले हमारे पास हर दिन एक लाख से अधिक लोगों की भीड़ होती थी. वहीं इस साल भीड़ और बढ़ने की संभावना है. हम सभी एहतियाती कदम उठा रहे हैं. हमारे पास अपने बाउंसर और पुलिस सहायता है.
मां दुर्गा आती हैं धरती पर
दुर्गा पूजा एक हिंदू त्योहार है जिसे दुर्गोत्सव या शारोडोत्सव के रूप में भी जाना जाता है. वर्षों से दुर्गा पूजा भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा बन गई है. वहीं पौराणिक कथाओं में यह माना जाता है कि देवी अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए इस समय धरती पर आती हैं. बंगाली समुदाय के लिए दुर्गा पूजा सबसे बड़ा त्योहार है. इस वर्ष महाषष्ठी 1 अक्टूबर और विजयादशमी 5 अक्टूबर को पड़ रही है. दुर्गा पूजा का महत्व धर्म से परे है और करुणा, भाईचारे, मानवता, कला और संस्कृति के उत्सव के रूप में प्रतिष्ठित है.