Delhi Crime News: राजधानी दिल्ली में नशा-मुक्त अभियान के तहत क्राइम ब्रांच की एंटी नार्कोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) को बड़ी कामयाबी मिली है. एएनटीएफ ने महिला को गिरफ्तार कर नशीले इंजेक्शन की खेप बरामद की है. डीसीपी भीष्म सिंह ने बताया कि उपराज्यपाल के आदेश पर 2027 तक दिल्ली को नशा-मुक्त बनाने का चलाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि 26 दिसम्बर को सूचना मिली थी कि निधि नाम की महिला जिम जाने वालों को स्टैमिना बढ़ाने के लिए मेफेन्टरमाइन इंजेक्शन बेचती है.
महिला अवैध तरीके से मेफेन्टरमाइन इंजेक्शन बेचने के धंधे में शामिल है. सूचना के आधार पर एएनटीएफ के साथ मिलकर छापेमारी टीम का गठन किया गया. टीम ने निधि नाम की महिला को दबोच लिया. घर की तलाशी लेने पर मेफेन्टरमाइन इंजेक्शन की बड़ी मात्रा पाई गई. डीसीपी भीष्म सिंह ने बताया कि मेफेन्टरमाइन इंजेक्शन युवाओं खास तौर पर जिम जाने वालों को महिला बिना लाइसेंस के बेचती थी. अधिकारियों का मानना है कि निधि इंजेक्शन के अवैध वितरण में शामिल थी.
अवैध रूप से मेफेन्टरमाइन इंजेक्शन बेचने वाली महिला गिरफ्तार
इंजेक्शन का अक्सर गैर-चिकित्सा उद्देश्यों के लिए दुरुपयोग किया जाता है. पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर घर पर छापेमारी की. घर से मेफेन्टरमाइन के कुल 60 इंजेक्शन बरामद किए गए. महिला के खिलाफ ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 की धारा के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है. जुर्म साबित होने पर न्यूनतम सजा 3 साल और अधिकतम आजीवन कारावास है. मेफेन्टरमाइन इंजेक्शन बिना किसी पर्चे और लाइसेंस के घर से पाए गए थे. इसलिए मामले में ड्रग तस्करों के बड़े नेटवर्क का अंदेशा जताया जा रहा है. संयुक्त ऑपरेशन में एसीपी राजकुमार, इंस्पेक्टर राकेश दुहान, एएनटीएफ के एसआई कुलदीप और जीएनसीटी के इंस्पेक्टर अमर कुमार मोकाशी शामिल रहे.