Delhi News: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की क्राइम ब्रांच (Crime Branch) ने 3 ऐसे शातिर ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया है, जो भारत में ड्रग्स की खेप मंगवाने के लिए डॉर्क नेट का इस्तेमाल कर रहे थे. ड्रग की ये खेप कनाडा (Canada) से कुरियर के जरिए मंगवाई जा रही थी. पुलिस ने इनके पास से ड्रग्स (Drugs) की बड़ी खेप भी बरामद की है, जिसकी कीमत 40 लाख रुपये बताई जा रही है. पुलिस के मुताबिक, ड्रग्स की पेमेंट बिटकॉइन (Bitcoin) के जरिए की जा रही थी. एक ऐसी एप्लीकेशन का इस्तेमाल किया जा रहा था जिसकी चैट 3 दिन के अंदर ऑटोमेटिक डिलीट हो जाती थी. 


क्राइम ब्रांच के जॉइंट कमिश्नर आलोक कुमार ने बताया कि इस गैंग के सरगना प्रियांश के साथ साथ उसके 2 और साथियों करण और संजीव को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के मुताबिक, इस गैंग का सरगना प्रियांश है, जो बी-टेक फाइनल ईयर का स्टूडेंट है. आलोक कुमार के मुताबिक, ड्रग्स कनाडा में ऐसे पैक किया जाता था कि वो स्कैनर में पकड़ में नहीं आती थी. दरअसल, क्राइम ब्रांच की टीम को जानकारी मिली थी कि कुछ लोग हिंदुस्तान में ड्रग्स की खेप मंगवाने के लिए डार्क नेट का इस्तेमाल कर रहे है इतना ही नहीं जानकारी यह भी थी कि ड्रग्स की ये खेप कनाडा से मंगवाई जा रही है और उसे भारत में बेचा जा रहा है क्राइम ब्रांच की टीम ने इस नेटवर्क को तोड़ने के लिए साइबर एक्सपर्ट की मदद ली और ड्रग्स के इन सौदागरों की तलाश में जुट गई. जॉइंट कमिश्नर आलोक कुमार ने बताया कि डार्क नेट पर कोई भी अपराधी हो वो बड़े ही शातिर अपराधी होते हैं. डार्क नेट एक ऐसा जरिया है, जिसमें करीब 50 से ज्यादा लेयर से होकर गुजरना पड़ता है. तब जाकर कही आपस में बात हो पाती है. इतना ही नहीं डॉर्क नेट पर अधिकतर पेमेंट बिटकॉइन के जरिए की जाती है. इसी वजह से इनको ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है. ये तीनों शातिर भी ऐसा ही कर रहे थे. 


क्राइम ब्रांच की टीम को मिली मामले की जानकारी 


जब क्राइम ब्रांच की टीम को यह जानकारी मिली कि यह तीनों शातिर अपराधी एक एप्लीकेशन के जरिए कनाडा में बैठे ड्रग तस्करों के संपर्क में है. इसके बाद से ही क्राइम ब्रांच की टीम ने इन पर नजर रखना शुरू कर दिया. क्राइम ब्रांच की टीम को जानकारी मिली की इन शातिर अपराधियों ने डार्क नेट के जरिए कनाडा में बैठे ड्रग डीलर को ड्रग्स की एक बड़ी खेप का आर्डर किया है. जैसे ही ड्रग्स के खेत हिंदुस्तान में डिलीवर हुई पुलिस ने रेड करके इन तीनों शातिर ड्रग तस्करों को गिरफ्तार कर लिया.  दरअसल, इन शातिर अपराधियों ने पहले विदेश में बैठे ड्रग्स के बड़े डीलरों से वाईकल एप के जरिए संपर्क किया. इसके बाद इनकी कनाडा में बैठे ड्रग्स माफियाओं से बातचीत शुरू हुई. ये सारी बातचीत डॉर्क नेट के जरिए हो रही थी. जब डील पक्की हो गई तो बिटकॉइन के जरिए पैसे दे दिए गए. 


विदेश से मंगाकर महंगे दामों में बेचा जा रहा था ड्रग्स 


क्राइम ब्रांच के मुताबिक, यह लोग विदेश से ड्रग्स मंगाकर यहां महंगे दामों में बेच रहे थे. इतना ही नहीं, क्राइम ब्रांच की टीम को यह भी जानकारी मिली है कि दिल्ली में इनके कुछ क्लाइंट भी मौजूद हैं, जिनका फिलहाल पता किया जा रहा है. क्राइम ब्रांच को यह भी अंदेशा है कि इन शातिर ड्रग्स तस्करों ने पिछले साल भी डार्क नेट के जरिए विदेश से ड्रग्स की बड़ी खेप मंगवाई थी. इतना ही नहीं, पूछताछ में यह भी बात सामने आई है कि ड्रग्स की पैकिंग को कुछ इस तरह से किया जाता था कि वह एयरपोर्ट के स्केनर में डब्बे के अंदर नजर नहीं आती थी. अब पुलिस यह पता करने में जुटी है कि आखिरकार यह लोग कब से इस धंधे से जुड़े हुए हैं और अब तक कितनी ड्रग्स को विदेश से मंगा कर सप्लाई कर चुके हैं. 


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