Delhi Crime: दुकान मालिक ने काम से निकाला तो युवक ने बदला लेने की ठानी, हथौड़े से वार कर लूटे 16 लाख रुपये, 3 गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को 22 जनवरी को एम्स ट्रॉमा सेंटर से गौतम नगर के रहने वाले एक शख्स की पिटाई की वजह से घायल होने की सूचना मिली थी. घायल शख्स ने अपनी साथ हुई लूट की बात बताई थी.
Hauz Khas Loot Case: दिल्ली (Delhi) के हौज खास थाना इलाके में शॉप ऑनर पर हमला कर 16 लाख रुपये से ज्यादा की लूट के मामले का पुलिस ने खुलासा किया है. पुलिस ने इस मामले में दो सगे भाइयों सहित तीन लूटेरों को गिरफ्तार करने में कमायाबी पाई, जिनकी पहचान रवि गुड़िया, आकाश गुड़िया और गगनदीप सिंह के रूप में हुई. ये दिल्ली के महरौली (Mehrauli) और गौतम नगर (Gautam Nagar) इलाके के रहने वाले हैं. इनके कब्जे से पुलिस ने लूट की रकम से आठ लाख 30 हजार रुपये भी बरामद किया.
डीसीपी चंदन चौधरी ने बताया कि, 22 जनवरी को एम्स ट्रॉमा सेंटर से गौतम नगर के रहने वाले एक शख्स की पिटाई की वजह से घायल होने की एमएलसी प्राप्त हुई थी. इसकी सूचना पर पुलिस टीम हॉस्पिटल पहुंची, जहां 39 साल के घायल शख्स ने बताया कि 21-22 जनवरी के बीच की रात वो अपनी दुकान में सो रहा था. देर रात दो बजकर 45 मिनट पर वह दुकान के बाहर स्थित वॉशरूम जाने के लिए उठा. वॉशरूम से लौटने के बाद वह दुकान के अंदर आया और शटर लॉक कर के सो गया.
एसीपी की देख-रेख में टीम का गठन
घायल शख्स ने आगे बताया कि इसी दौरान दो लड़के उनके सिर पर हथौड़े और पिस्टल की बट से हमला करने लगे और लगातार क्रूरता से हत्या की नीयत से उसे मारते रहे. इसके बाद दोनों बदमाशों ने उनसे शॉप के लॉकर की चाबी के बारे में पूछा और 16 लाख 25 हजार रुपये लूट कर फरार हो गए. इस मामले में पीड़ित के बयान के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई. इसके लिए एसीपी हौज खास हरीश चंदर की देख-रेख के एसएचओ शिव दर्शन शर्मा के नेतृत्व में इंस्पेक्टर रोहित, भरत लाल, एसआई प्रिंस, दीपेंद्र, सलमान, हेड कॉन्स्टेबल अमित, अशोक, त्रिलोक, सतिंदर, राकेश, कॉन्स्टेबल पंकज और विकास की टीम का गठन किया गया था.
वारदात को अंजाम देते समय आरोपियों ने पहन रखा था ग्लब्स
जांच के दौरान पुलिस टीम ने घटनास्थल का मुआयना किया. क्राइम टीम और डॉग स्क्वाड को भी मौके पर बुलाया गया, जिन्होंने वहां से सबूतों को इकट्ठा किया. इलाके के सीसीटीवी फूटेजों को भी प्राप्त कर उनका विश्लेषण किया गया और टेक्निकल सहायता भी ली गई. इसमें पुलिस को पता चला कि आरोपियों ने वारदात को अंजाम देते समय ग्लब्स पहन रखा था, इसलिए मौके से कोई भी फिंगरप्रिंट बरामद नहीं हुआ. लगातार प्रयासों के बाद पुलिस टीम को सीसीटीवी कैमरे की एक फुटेज में चार आरोपी नजर आए, जिनकी तस्वीरों के तकनीकी उपकरण की सहायता से डेवलप कर पुलिस नेटवर्क में सर्कुलेट किया गया.
500 से भी ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की पुलिस ने की जांच
इन दौरान पुलिस दो आरोपियों जितेंद उर्फ समर और रवि की पहचान करने में कामयाब हुई. बाद में उनके साथ मौजूद दो अन्य आरोपियों, आकाश और गगनदीप की भी पहचान हुई. आगे की जांच में पुलिस आरोपियों के भागने के रूट का पता करने में जुट गई, जिससे उन्हें आरोपियों के घटनाक्रम से पैदल आईआईटी फ्लाईओवर तक और फिर वहां से ऑटो में सवार हो कर फरार होने का पता चला. इसके बाद पुलिस ने 500 से भी ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की जांच की.
पीछा करते बागपत तक पहुंची पुलिस
एक राज्य से दूसरे राज्य तक पीछा करते हुए पुलिस दिल्ली से मोदीनगर और फिर बागपत तक पहुंची, जहां उन्होंने आरोपी आकाश को दबोच लिया और उसके पास से तीन लाख 8 हजार कैश बरामद किया. उसकी निशानदेही पर पुलिस रवि और गगनदीप तक भी पहुंचने में कामयाब हुई और दोनों से क्रमशः 33 हजार और तीन लाख 90 हजार 400 रुपये कैश बरामद किए, जबकि मुख्य आरोपी जितेंद उर्फ समर मौके से भागने में कामयाब रहा. हालांकि, भागने के दौरान 99 हजार 500 कैश वाला बैग गिर गया, जिसे उसके साथियों ने लूट की रकम बताया.
दुकान में काम कर चुके जितेंद्र ने रची लूट की साजिश
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि जितेंद्र उर्फ समर पीड़ित की दुकान में काम किया करता था, जिसे कुछ महीनों पहले दुकान के मालिक ने काम से निकाल दिया था. इसके बाद वह पास के ही स्टेशनरी की शॉप में काम करने लगा था और उससे बदला लेने की योजना बना रहा था. उसे दुकान के मालिक का सारा रूटीन पता था, इसलिए दुकान में लूट की योजना बनाई. इसमें उसने गौतम नगर में ही चाय की दुकान चलाने वाले रवि और आकाश के साथ गगनदीप को इसमें शामिल किया. आकाश पर काफी कर्ज था, इसलिए वो अपने भाई रवि के साथ इस प्लान में शामिल हो गया, जबकि गगनदीप ने पैसों की लालच में उनके साथ हो गया.
आकाश और गगनदीप कर रहे थे निगरानी
आरोपी आकाश और गगनदीप ने इसके लिए हथोड़े और टॉय गन की व्यवस्था की और उसे जितेंद उर्फ समर के साथ-साथ रवि को दिया और फिर दोनों ने दुकान के बाहर निगरानी भी की, जबकि रवि और जितेंद्र ने मिल कर लूट को अंजाम दिया और फिर सभी मौके से फरार हो गए थे. इस मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की जांच और बाकी रकम की बरामदगी के साथ फरार हुए मास्टरमाइंड जितेंद्र उर्फ समर की तलाश में लग गई है.
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