Delhi Crime: प्रीत विहार में जिम मालिक की हत्या का खुलासा, जूडो के नेशनल गोल्ड चैंपियन सहित दो आरोपी गिरफ्तार
दिल्ली (Delhi) के प्रीत विहार (Preet Vihar) में जिम मालिक की हत्या करने वाले आरोपियों की पहचान इंद्र वर्धन शर्मा और रवि कुमार के रूप में हुई है. दोनों यूपी के रहने वाले हैं.
Preet Vihar Gym Owner Murder Case: नई दिल्ली रेंज क्राइम ब्रांच की टीम ने प्रीत विहार थाना इलाके में दिनदहाड़े जिम मालिक के ऑफिस में घुसकर हत्या के सनसनीखेज मामले का खुलासा कर दिया है. साथ ही पुलिस ने जिम मालिक को गोली मारकर हत्या करने के दो आरोपियों को उस समय गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई, जब वे रक्सौल के रास्ते नेपाल भागने की फिराक में थे. इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान इंद्र वर्धन शर्मा और रवि कुमार के रूप में हुई है. आरोपी यूपी के मोदी नगर और मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं. स्पेशल सीपी रविंद्र सिंह यादव के अनुसार आरोपी इंद्र वर्धन शर्मा जुडो का खिलाड़ी रह चुका है और नेशनल लेवल पर इस खेल में गोल्ड मेडल भी जीता है.
स्पेशल सीपी रविंद्र सिंह यादव ने बताया कि इंद्र वर्धन शर्मा पर पहले भी प्रीत विहार थाने में एक मामला दर्ज हुआ था. इस मामले में उसे सजा भी हुई थी. वहीं इसका साथी रवि कुमार तोमर दर्जन भर आपराधिक मामलों में लिप्त रहा है. पुलिस के अनुसार 31 दिसंबर 2022 को प्रीत विहार थाने को मृतक जिम मालिक महेंद्र अग्रवाल के मैनेजर ने शिकायत दी थी, जिसमें बताया कि दो हथियारबंद शख्स जिम मालिक के केबिन में घुसे और ताबड़तोड़ उनपर फायरिंग कर खून से लथपथ हालत में उन्हें छोड़ कर फरार हो गए. इसके बाद जिम मालिक को पास के हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
क्राइम ब्रांच पुलिस को मामले की जांच में लगाया
उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता के बयान के आधार पर हत्या और आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए क्राइम ब्रांच पुलिस को पूरे मामले की जांच में लगाया गया. इसके लिए जॉइंट सीपी क्राइम एस.डी. मिश्रा और डीसीपी अमित गोयल की ओर से एसीपी उमेश बर्थवाल की देख-रेख और इंस्पेक्टर विवेक मालिक के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया, जिसमें एसआई सम्राट खातियां, मुकेश, हेड कॉन्स्टेबल राम नरेश, घनश्याम और कॉन्स्टेबल आशीष को शामिल किया गया.
सैलरी और पैसों को लेकर हुआ था आरोपी से विवाद
शुरुआती जांच में पुलिस को पता चला कि काफी समय पहले इंद्र वर्धन शर्मा नाम का शख्स मृतक महेंद्र अग्रवाल के जिम में मैनेजर के रूप में काम करता था, जिनके बीच सैलरी और अन्य पैसों को लेकर कुछ विवाद भी हुआ था. इसे लेकर महेंद्र अग्रवाल ने उसके खिलाफ 2017 में प्रीत विहार थाने में शिकायत भी दर्ज करवाई थी. इस वजह से पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. इन जानकारियों के आधार पर पुलिस को उस पर शक हुआऔर चूंकि वो घटना के बाद से ही गायब था, इसलिए पुलिस उसे मुख्य आरोपी मान कर तलाश में जुट गई, लेकिन वो लगातर उस दिन के बाद से अपना ठिकाना बदल रहा था.
देश छोड़ कर भागने की फिराक में था आरोपी
उसकी तलाश में पुलिस ने यूपी, उत्तराखंड और दिल्ली में उसके संभावित ठिकानों पर छापेमारी भी की, लेकिन उस तक पहुंच नहीं पाई. इसके बाद पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस का सहारा लिया और लोकल इंफॉर्मर्स को भी एक्टिवेट किया. आखिरकार पुलिस टीम के लगातार प्रयास का फल मिला और उन्हें गुप्त सूत्रों से आरोपी के रक्सौल के रास्ते देश छोड़ कर नेपाल भागने की योजना का पता चला. इस पर प्रतिक्रिया करते हुए पुलिस टीम भारत-नेपाल बॉर्डर के लिए रवाना हुई, जहां उन्होंने टेक्निकल सर्विलांस और लोकल इंटेलिजेंस की साहायता से भारत-नेपाल बॉर्डर से इंद्र वर्धन शर्मा और उसके साथी रवि कुमार तोमर को दबोच लिया.
मृतक के किडनैपिंग की कोशिश में जा चुका है जेल
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वो मृतक महेंद्र अग्रवाल के जिम में मैनेजर के रूप में काम करता था और उसने उसके जिम में 4.75 लाख रुपये भी इन्वेस्ट किए थे, लेकिन मृतक न तो उसके पैसे वापस कर रहा था और न ही उसे सैलरी दे रहा था. इस वजह से उसने एक दिन उसे किडमैप करने की भी कोशिश की थी. उस मामले में मृतक की शिकायत पर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. इस सदमे की वजह से उसकी मां का देहांत हो गया. ऐसे में उसने बदला लेने की ठानी और मदद के लिए अपने साथियों रवि कुमार और विजय की साहायता ली.
आगे की जांच में जुटी पुलिस
वारदात के दिन विजय उन्हें गाड़ी में बैठा कर जिम मालिक के ऑफिस ले गया. इसके बाद उसने रवि के साथ उसके ऑफिस में जा कर उस पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर उसकी जान ले ली. इस मामले में पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर आगे की जांच में जुट गई है.