Delhi Woman Burnt Case: दिल्ली के बवाना थाना (Bawana Police Station) इलाके में एक 7 महीने की गर्भवती महिला पर पेट्रोल डाल कर जलाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि उसके पति और ससुरालवाले शादी के बाद से ही लगातार उसे प्रताड़ित कर रहे हैं और अब जान से मारने की नीयत से उसे आग लगा दिया. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 6 जनवरी की सुबह पीसीआर कॉल से बवाना थाने की पुलिस को एक महिला को जलाए जाने की सूचना मिली थी.


पुलिस को कॉल करने वाले ने बताया था कि उसकी बहन को उसके ससुराल वालों ने जला दिया है और उसे इलाज के लिए बीएसए हॉस्पिटल लेकर गए हैं. इसकी सूचना पर तुरंत ही पुलिस टीम बीएसए हॉस्पिटल पहुंची, जहां घायल महिला खुशबू ने पुलिस को बताया कि ठंड की वजह से वो अपने पति और एक लड़के के साथ बैठ कर अलाव से आग सेंक रही थी, लेकिन जब आग बुझने लगी तो आग की लपटों को तेज करने के लिए साथ बैठे लड़के ने उसमें थिनर फेंक दिया, जिससे आग की लपटें काफी आक्रामक हो गईं और वो उसकी चपेट में आ गई.


पुलिस ने इलाज के लिए सफदरजंग हॉस्पिटल किया शिफ्ट


पुलिस ने उसके बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की और आगे के इलाज के लिए उसे सफदरजंग हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया, जहां उसका इलाज चल रहा है. इस हादसे में उसके चेहरे, हाथ और शरीर के अन्य अंग झुलस गए हैं. महिला 7 महीनों की गर्भवती है. आग की वजह से उसका पति वीर प्रताप भी झुलस गया है और उसके दोनो पैर और हाथों को इस कारण बर्न इंजरी हुई है. उसका भी सफदरजंग हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है. पीड़िता के बयान के विपरीत उसके भाई ने उसे प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. उसके भाई ने बताया कि शादी बाद से ही उसके पति और ससुराल वाले लगातार प्रताड़ित करते आ रहे हैं.


 पीड़िता का बयान किया गया दर्ज


युवती के रिश्तेदार की ओर से लगाए गए आरोप महिला के खिलाफ अपराध से जुड़ा है और अभी उनकी शादी को 7 साल पूरे नहीं हुए हैं, इसलिए पुलिस ने इस पूरे मामले की जानकारी एसडीएम, नरेला को भी उसी दिन दे दी. इस मामले में तहसीलदार ने आज पीड़िता का बयान भी दर्ज किया है. वहीं इस पूरे मामले में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने पीड़िता के भाई की ओर से दी गई शिकायत का हवाला देते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. 


दिल्ली महिला आयोग ने मांगी ये जानकारी


उन्होंने दिल्ली पुलिस से मामले में दर्ज की एफआईआर की कॉपी, गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण, यदि अभियुक्तों को गिरफ्तार नहीं किया गया है, तो उसका कारण और क्या संबंधित एसडीएम के समक्ष पीड़िता के बयान दर्ज किए गए हैं? यदि हां, तो उसकी प्रति के साथ मामले में विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट को 12 जनवरी तक उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं.


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