Delhi Loot Case: बदमाशों ने लूटे 2 लाख, बरामद हुए 5 लाख, अहम सवाल- 3 लाख किसके?
Pragati Maidan Tunnel Loot Case: दिल्ली के प्रगति मैदान लूट केस में उस्मान और प्रदीप की पहचान मुख्य साजिशकर्ता के रूप में हुई है.
Delhi News: दिल्ली के प्रगति मैदान सुरंग में एक डिलीवरी एजेंट और उसके सहयोगी से बंदूक दिखाकर लूटपाट करने के मामले में दिल्ली पुलिस ने अभी तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है. इस बात की पुष्टि दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने की है. दिल्ली पुलिस को मिले सीसीटीवी फुटेज में मोटरसाइकिल सवार चार बदमाश चांदनी चौक स्थित ओमिया इंटरप्राइजेज के डिलीवरी एजेंट और उसके सहयोगी की कैब को रोककर बंदूक के दम पर दोनों से लगभग दो लाख रुपये की नकदी से भरा बैग लूटते नजर आए थे.
यह घटना 24 जून की है. जिस समय बदमाशों ने लूट की घटना को अंजाम दिया उस समय डिलीवरी एजेंट और उसके सहयोगी नकदी पहुंचाने के लिए कैब से गुरुग्राम जा रहे थे. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है. प्राथमिक जांच से पता चला है कि आरोपियों ने गुरुवार और शुक्रवार को रेकी भी की थी. इस मामले में अभी तक गिरफ्तार किए गए लोगों में उस्मान अली उर्फ कल्लू, इरफान, अनुज मिश्रा उर्फ सनकी, भलस्वा डेयरी निवासी कुलदीप उर्फ लंगड़, जहांगीरपुरी निवासी सुमित उर्फ आकाश, बुराड़ी निवासी प्रदीप उर्फ सोनू, बागपत और गाजियाबाद लोनी निवासी अमित उर्फ बाला शामिल है.
दिल्ली पुलिस के स्पेशल पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंह यादव ने कहा कि कई स्थानों पर दबिश देकर आरोपियों को पकड़ा गया है. उस्मान ने कई बैंकों से कर्ज लिया था और क्रिकेट सट्टेबाजी में पैसा भी गंवाया था. वह अपना कर्ज चुकाने के लिए पैसे को लेकर परेशान था और उसने नकदी ले जाने वाले व्यापारियों को लूटने की योजना बनाई. आरोपियों को पता था कि नकद रकम दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे के बीच चांदनी चौक इलाके से भेजी जाती है. इसके बाद उस्मान ने बुक की गई हरियाणा के नंबर प्लेट वाली कार की सूचना अपने साथियों को दी और इसके जरिए नकद रुपये भेजे जाने की योजना बताई.
आरोपी प्रदीप पर हैं 37 मामले दर्ज
विशेष पुलिस अधिकारी के मुताबिक उस्मान और प्रदीप की पहचान मुख्य साजिशकर्ता के रूप में हुई है. मिश्रा पेशे से मैकेनिक है जो दिल्ली जल बोर्ड में संविदा पर कार्यरत है. सुमित और कुलदीप सब्जी की दुकान चलाते हैं. इस घटना को अंजाम देने के लिए कुलदीप ने पिस्टल और गोली की व्यवस्था की. इरफान नाई का काम करता है. पुलिस ने कहा कि कुलदीप इसके पहले लूट और छिनैती के 16 मामलों में शामिल रहा है. जबकि मिश्रा पर पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं. पुलिस ने बताया कि इनमें से प्रदीप पर सबसे अधिक 37 आपराधिक मामले दर्ज हैं. प्रदीप फिरौती वसूलने के मामले में आठ सालों तक जेल में रहा और जेल से दो साल पहले रिहा हुआ था. पुलिस ने बताया कि प्रदीप के जरिये अमित भी उस्मान के संपर्क में आया.
आरोपियों के पास से 5 लाख रुपये बरामद
बता दें कि प्रगति मैदान टनल लूट केस से संबंधित सीसीटीवी फुटेज में चार लोग दो मोटरसाइकिलों पर सवार होकर कार का पीछा करते और अन्य वाहनों के गुजरने पर कार को सुरंग के अंदर रोकते हुए दिखाई देते हैं. वीडियो फुटेज में दिख रहा है कि जैसे ही कार रुकती है, हेलमेट पहने दो व्यक्ति मोटरसाइकिल से उतरते हैं और उनमें से एक चालक की तरफ जाता है, जबकि दूसरा व्यक्ति दूसरी तरफ के पिछले दरवाजे की तरफ गया. इसके बाद दोनों ने अपनी-अपनी पिस्तौल निकाल ली. इसके बाद फुटेज में दिख रहा है कि कार के दोनों दरवाजे खुले हैं और पीछे की तरफ के व्यक्ति को एक काले रंग का बैग सौंपा जा रहा है. इसके बाद दोनों इंतजार कर रही मोटर साइकिल पर सवार होकर भाग जाते हैं. पुलिस ने बताया कि अपराध में शामिल बदमाशें से फर्जी नंबर प्लेट लगी दो मोटरसाइकिलों, 4.98 लाख रुपये नकद, एक पिस्तौल और दो कारतूस जब्त की गई हैं.
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