Delhi News: अगर आप भी ब्रांडेड सामानों को ऑनलाइन सस्ती दरों पर खरीदने की चाह रखते हैं, तो सावधान हो जाइए! नहीं तो ठगी के शिकार हो सकते हैं. जी हां, दिल्ली के शाहदरा (Shahdara) जिले की साइबर थाने की पुलिस टीम ने ठगों के एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो लोगों को ओला (OLA) और पतंजलि (Patanjali) समेत कई नामचीन कंपनियों के उत्पादों और सेवाओं को ऑनलाइन सस्ते दरों पर मुहैया कराने का झांसा देकर ठगी की वारदात को अंजाम देते थे. इस गिरोह ने अब तक 2100 से ज्यादा लोगों से ठगी का शिकार बनाया है.


डीसीपी रोहित कुमार मीणा के अनुसार, इस मामले में पुलिस ने कुल 7 ठगों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान, मोहम्मद राजा उर्फ साहिल (26), विकास (28), मोहम्मद सुहेल अंसारी (26), अंकित यादव, कन्हैया कुमार महतो उर्फ प्रफुल्ल पटेल (19), बिहारी पासवान उर्फ उदय (22) और इसके भाई अजीत कुमार पासवान (23) के रूप में हुई है.


67 मामलों का हुआ खुलासा


पुलिस ने इनके कब्जे से 11 मोबाइल फोन, 100 से ज्यादा सिम, तीन लैपटॉप, चार चेकबुक और पांच एटीएम कार्ड बरामद किए हैं. वहीं अब तक की जांच में पता चले बैंक खातों में 4 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम मिली है. साथ ही इनकी गिरफ्तारी से अब तक 67 मामलों का खुलासा हुआ है.


ओला स्कूटर बेचने के नाम पर ठगी


डीसीपी ने बताया कि 7 अक्टूबर को शाहदरा की साइबर थाने की पुलिस को दी गई शिकायत में एक शिकायतकर्ता विजय पाहवा ने बताया कि वह एक ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदना चाहता था. इसके लिए गूगल पर सर्च के दौरण उसे यूआरएल वाली एक वेबसाइट मिली. उस पर इलेक्ट्रिक स्कूटर बेचने का दावा किया गया था, जिस पर उन्हें एक कॉन्टैक्ट नम्बर मिला.


विजय पाहवा ने भेजे थे एक लाख से ज्यादा रुपये


डीसीपी के मुताबिक युवक के उस नंबर पर संपर्क करने के बाद स्कूटर के कई मॉडल भेजे गए. मॉडल देखने के बाद शिकायतकर्ता ने फोन पर संपर्क किए गए व्यक्ति के निर्देश के अनुसार, 1,15,560 रुपये का भुगतान कर दिया. पैसे मिलते ही आरोपियों ने विजय से बात करना और फोन उठाना बंद कर दिया. ठगी का एहसास होने पर उन्होंने मामले की ‌शिकायत पुलिस को दी.


गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने आरोपियों को दबोचा


मामले की गंभीरता को देखते हुए ठगी का मामला दर्ज कर एसएचओ संजय कुमार के नेतृत्व में एसआई नंदन सिंह, हेड कॉन्स्टेबल अमित, अमित कुमार और कॉन्स्टेबल सौरभ की टीम का गठन कर जांच में लगाया गया. पुलिस ने पीड़ित की ओर से दिए गए मोबाइल नंबर और बैंक खातों के बारे में जानकारी जुटाई. इससे प्राप्त जानकारी के आधार पर सूत्रों को सक्रिय किया गया और फिर उनसे मिली गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने अंकित यादव, राजा, विकास और सुहैल अंसारी को दबोच लिया.


आरोपियों ने 'फैमिली हेल्प' नाम से बना रखी थी फर्जी कंपनी


जांच में पुलिस को पता चला कि आरोपियों ने 'फैमिली हेल्प' नामक एक कंपनी बनाई हुई थी. उसकी वेबसाइट को रजिस्टर्ड कराया हुआ था. गिरोह के मुख्य आरोपी विकास और राजा है. इसके बाद पुलिस ने बिहार में छापेमारी कर ओला स्कूटी, पतंजलि और अन्य प्रसिद्ध ब्रांडों की नकल करते हुए नकली वेबसाइट बनाकर ठगी करने वाले बिहारी पासवान, अजीत और कन्हैया को गिरफ्तार कर लिया. जांच में पुलिस को पता चला कि आरोपी अजीत और बिहारी कॉलिंग एजेंट का काम करते थे. वहीं कन्हैया एटीएम के माध्यम से गलत तरीके से कमाए गए पैसे निकालने के लिए जिम्मेदार था. इस मामले में पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर आगे की छानबीन में जुटी हुई है.


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