DDA Demolition Drive News: दिल्ली में शनिवार को मजनू का टीला और सिविल लाइन खैबर पास इलाके में दिल्ली विकास प्राधिकरण का बुलडोजर गरजा. डीडीए ने ताबड़तोड़ कार्रवाई अतिक्रमण कर बनाए गए मकानों को ढहा दिया. लोगों के विरोध को देखते मौके पर भारी संख्या में सुरक्षा बतों के जवान भी तैनात किए गए थे. ताकि डीडीए की अतिक्रमरण विरोध कार्रवाई के दौरान कोई अनहोनी न हो.
इस बीच मजनू का टीला इलाके में रहने वाली सुनीता ने बताया कि हमारे दादा-दादी यहां आए थे. वे लोग अब इस दुनिया में नहीं रहे. हमारी शादी भी यहीं हुई. हमारे बच्चे भी यहीं पर पले और बड़े हुए हैं. अब डीडीए ने उनके घरों को घ्वस्त कर दिया. हम लोग कहां जाएं?
एक अन्य महिला ने बताया कि हम लोग 50 से 60 साल से यहां पर रहते आये हैं. अभी तक कुछ नहीं हुआ, लेकिन अब डीडीए वालों ने कार्रवाई की है. पांच छह महीने डीडीए वालों ने ध्वस्तीकरण का नोटिस दिया था. मजनू का टीला इलाके में रहने वाली एक अन्य महिला ने बताया कि कल डीडीए वाले आये थे और जगह खाली करने को कहा गए थे. आज आकर उन्होंने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की है.
कोर्ट के आदेश के बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई
बता दें कि दिल्ली के मजनू का टीला और सिविल लाइन खैबर पास इलाके में दो सौ से ज्यादा परिवार के लोग यहां रहते आए हैं. डीडीए का कहना है कि यहां पर रहने वालों ने अतिक्रमण कर मकान बनाए हैं. अब कोर्ट के आदेश के बाद से डीडीए न ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की है.
अधिकांश परिवार पाक से आए हिंदू
यहां पर रहने वाले अधिकांश लोग हिंदू समुदाय से हैं, जो पाकिस्तान से यहां आकर रहने लगे. यहां रहने वाले करीब 200 परिवारों के लोगों का कहना है कि डीडीए को चाहिए कि वो घरों को ध्वस्त करने का अभियान चलाने से पहले हमें स्थायी आश्रय प्रदान करें. हमारे पास रहने के लिए कोई और ठिकाना नहीं है.