DDA Yamuna Cleaning Plan: राजधानी दिल्ली में गर्मियों की शुरुआत से ही पानी की किल्लत शुरू हो गयी है, जो आने वाले दिनों में संभवतः और भी विकराल रूप ले लेगी. दिल्ली के लोगों की पानी की किल्लत को दूर करने की कवायद में जहां दिल्ली सरकार (Delhi Government) कई उपायों को करने में जुटी है. वहीं अब डीडीए ने भी इस कड़ी में कदम उठाते हुए पानी को सहेजने की पहल की शुरुआत की है. इसके लिए डीडीए ने एक योजना तैयार की है, जिसके तहत यमुना नदी को स्वच्छ और सुंदर बनाने के साथ इसके पानी को भी सहेजा जाएगा. इससे दिल्ली वासियों की पानी की कमी को दूर किया जा सके.
डीडीए इस योजना के तहत यमुना में दूषित जल को गिरने से रोकने की नीति अपनाएगी. बताया जा रहा है कि यमुना को संवारने और लोगों को पानी सही तरह से उपलब्ध कराने के लिए मास्टर प्लान-2041 में भी विशेष प्रावधान किया गया है. साथ ही डीडीए ने करीब 405 करोड़ रुपये भी यमुना के डूबे क्षेत्रों के कायाकल्प पर खर्च करने के लिए निर्धारित किए हैं. डीडीए के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, यमुना नदी के डूबे क्षेत्रों व उससे सटे मैदानों के दिशा में सुधार और कायाकल्प का काम शुरु किया गया है. इसे कई परियोजनाओं के साथ मिलाकर किया जाएगा. इस साल इस काम में करीब 405 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.
यमुना सफाई के लिए बजट में हुई थी कई घोषणाएं
इस काम के पूरा होने से यमुना रिवरफ्रंट को एक नए अंदाज मिल सकेगा और आने वाले दिनों में यह इलाका प्रकृति प्रेमी पर्यटकों के लिए भी खास होगा. डीडीए अधिकारी के अनुसार राजधानी में पानी किल्लत भी प्रमुख समस्या है. इसलिए मास्टर प्लान-2041 में ट्रीटेट पानी के अधिक उपयोग पर भी बल दिया गया है. आपको बता दें कि दिल्ली की लाइफलाइन यमुना को साफ और सुंदर बनाने के लिए दिल्ली सरकार के बजट में भी कई घोषणाएं की गई थी. यमुना को साफ करने के लिए छह बिंदुओं पर काम किया जा रहा है. 2023-24 में यमुना को साफ करने के लिए एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) की क्षमता 632 एमजीडी से बढ़ाकर 890 एमजीडी हो जाएगी. यानी एक साल में सीवेज ट्रीटमेंट की क्षमता 41 प्रतिशत बढ़ेगी. जिससे काफी हद तक यमुना को साफ करने में बहुत सहयोग मिलेगा.