Delhi News: दिल्ली देहात के लोग CM-LG आवास के घेराव बाद जंतर-मंतर पर करेंगे महापंचायत, जानें क्या है वजह?
Delhi Dehat : राजधानी ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों ने सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करने का एलान किया है. इसकी अगुवाई करने वाले पालम 360 के प्रधान ने कहा आजादी के बाद से उनके साथ अन्याय जारी है.
Delhi News: शहरी क्षेत्रों की तरह दिल्ली देहात के गांवों में लागू किये गए हाउस टैक्स, संपत्ति सील, भवन उप नियम जैसे नियमों को लेकर, दिल्ली देहात के गांव के लोगों में काफी रोष है. इस फैसले के खिलाफ अब वे आर-पार की लड़ाई का मन बना चुके हैं. पीरागढ़ी गांव की महापंचायत से शुरू हुई यह लड़ाई सीएम और एलजी आवास के घेराव तक पहुंची और अब इसे आंदोलन का रूप देने के लिए पालम 360 गांव के प्रधान ने आगामी 1 अक्टूबर को जंतर-मंतर पर एक महापंचायत का आवाह्न किया है.
आंदोलन का रूप ले सकता है महापंचायत
पालम 360 गांव के प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने एबीपी लाईव के साथ बातचीत में बताया, 'वे 1 अक्टूबर को जंतर-मंतर पर सरकार की अव्यवहारिक नीतियों के खिलाफ महापंचायत करने जा रहे हैं, क्योंकि अब तक सरकार की तरफ से उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला है. कोई ठोस कार्यवाही नहीं कि गयी है. इसलिए उन्होंने दिल्ली देहात के लोगों से अपील की है कि वे 1 अक्टूबर को सुबह 8 बजे ज्यादा से ज्यादा संख्या में जंतर-मंतर पहुंचें, जिससे सरकार पर दवाब बन सके और उनकी मांगों को सरकार मानने को मजबूर हो जाये. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, अगर अब भी सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो वे अपने आंदोलन को और भी बड़ा रूप देंगे.
'आजादी के बाद ग्रामीणों के साथ बदस्तूर अन्याय जारी'
ग्राम प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी के कहा कि देश के आजाद होने के बाद भी राजधानी के ग्रामीणों के साथ बदस्तूर अन्याय जारी है, लेकिन वह अब अन्याय बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ग्रामीणों की कृषि भूमि कौड़ियों के भाव अधिग्रहण करके उन्हें बेरोजगार कर दिया गया. इस दौरान गांवों में मौजूद ग्रामसभा भूमि पर भी सरकार ने कब्जा कर लिया, जबकि यह भूमि ग्रामीणों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए छोड़ी गई थी.
सरकार पर ग्रामीणों की अनदेखी का आरोप
सरकार पर आरोप लगाते हुए चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने कहा, भूमि अधिग्रहण के बाद ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कोई पहल भी नहीं की गयी. उन्हें आश्वासन दिया गया था कि परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और उनकी जमीनों के बदले वैकल्पिक प्लॉट दिए जाएंगे, लेकिन न किसी परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी गई और ना ही उनको वैकल्पिक प्लॉट दिए गए. दूसरी ओर ग्रामीणों पर हाउस टैक्स, कनवर्जन चार्ज, पार्किंग शुल्क समेत कई प्रकार के टैक्स लगाने के साथ-साथ भवन उप नियम जैसे कई नियम थोप दिए गए. इसके अलावा एक भी मास्टर प्लान में गांवों की ओर ध्यान नहीं दिया गया और ग्रामीणों को राहत देने का कार्य नहीं किया गया.
दिल्ली देहात के लोगों की सरकार से ये हैं मांग
महापंचायत के माध्यम से सरकार के सामने अपनी मांगों को रखते हुए सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि गांवों से हाउस टैक्स नहीं लिया जाए, संशोधित एवं किसान हितैषी लैंड पूलिंग पॉलिसी, डीडीए पॉलिसी, लैंड म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) शुरू किया जाए. धारा 81 और 33 समाप्त किया जाए और धारा 81 के तहत पुराने मुकदमें वापिस लिए जाएं. उनका कहना है कि दिल्ली सरकार ग्रामसभा की जमीन को डीडीए को देना बंद करें, धारा 74/4 और 20 सूत्री के तहत गरीबों को अवंटित भूमि और प्लॉटों को मालिकाना हक दिया जाए. लाल डोरे का विस्तार किया जाए, ग्रामीणों को भूमि अधिग्रहण करने के मामले में अल्टरनेटिव प्लॉट जल्द से जल्द दिए जाए और गांव वालों को पुश्तैनी संपति का मालिकाना हक दिया जाए.
जंतर-मंतर पर होगी 1 अक्टूबर को महापंचायत
बता दें, दिल्ली देहात के लोगों ने सरकार के द्वारा गांवों में लागू किये गए नियमों के खिलाफ पालम 360 गांव के प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी के नेतृत्व में, इसे लेकर पहली महापंचायत पीरागढ़ी में बुलाई गई थी. जहां तय किये गए कार्यक्रम के अनुसार एलजी और सीएम आवास के पास महापंचायत आयोजित कर 30 सितंबर तक का वक्त सरकार को दिया गया था और वहीं से यह घोषणा की गई थी कि मांगों के न माने जाने पर 2 अक्टूबर को राजघाट से वे अपने आंदोलन की शुरुआत करेंगे. सरकार की तरफ से अब तक उनकी मांगों को नहीं माना गया है, जिसे देखते हुए आंदोलन की रूप-रेखा को तय करने 1 अक्टूबर को जंतर-मंतर पर महापंचायत बुलाई गई है.
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